प्रवर्तन निदेशालय ने लालू यादव की बेटी मीसा के कथित सीए को गिरफ्तार किया
प्रवर्तन निदेशालय ने लालू यादव की बेटी मीसा के कथित सीए को गिरफ्तार किया
नई दिल्ली, 23 मई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कथित धनशोधन मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू यादव की बेटी मीसा भारती के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को गिरफ्तार कर लिया। ईडी के एक अधिकारी ने एजेंसी को बताया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को कथित धन शोधन और काला धन रैकेट में संलिप्तता के आरोप में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
अग्रवाल पर दो भाइयों एस.के.जैन और वी.के.जैन की मदद से काले धन को संदिग्ध लेनदेन के जरिए सफेद करने का आरोप है। ईडी ने 20 मार्च को जैन बंधुओं को गिरफ्तार किया था।
ईडी के राडार पर करीब 90 फर्जी कंपनियां हैं।
अग्रवाल पर मीसा भारती के पति की कंपनी मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड को भी 'कुछ सौदों में' मदद करने का भी आरोप है।
यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब इसके पहले 16 मई को आयकर विभाग ने कथित 'बेनामी' संपत्ति सौदों के संबंध में दिल्ली और उसके आसपास के 22 स्थानों पर छापे मारे थे। इन सौदों में लालू प्रसाद और उनके बेटों बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव तथा बेटी व राज्यसभा सांसद मीसा भारती के शामिल होने का आरोप है।
ईडी के अधिकारी ने कहा कि अग्रवाल काला धन रखने वाले व्यक्तियों तथा जैन बंधुओं के बीच मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा था। जैन बंधु जगत प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के मालिक हैं, जिन्हें फर्जी कंपनियों के माध्यम से 200 करोड़ रुपये के बेनामी लेन-देन का आरोपी बनाया गया है।
सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिस (एसएफआईओ) द्वारा दिल्ली की तीस हजारी अदालत में जैन बंधु, जगत प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, अग्रवाल तथा अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी व फर्जीवाड़ा तथा कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराने के बाद जांच एजेंसी ने 11 फरवरी को मामला दर्ज किया था।
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि जैन बंधुओं ने जगत प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से विभिन्न फर्जी कंपनियों में शेयर खरीदकर 64.70 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद किया।
ईडी के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इनमें से 62.20 करोड़ रुपये के काले धन को उन 26 फर्जी कंपनियों के माध्यम से सफेद किया गया, जिन्हें अग्रवाल बंधु नियंत्रित करते हैं।
अधिकारी ने कहा कि 62.20 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद करने के एवज में जैन बंधुओं को अग्रवाल के माध्यम से 1.12 करोड़ रुपये मिले।
उन्होंने कहा,
"जैन बंधुओं की लगभग 1.12 करोड़ रुपये की संपत्ति को धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत पिछले सप्ताह कुर्क किया गया।"


