इलाहाबाद। इलाहाबाद संग्रहालय में बीते दिनों शारदा देवी ट्रस्ट की ओर से प्रथम शारदा देवी शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जाने माने इतिहासकार, लेखक और शिक्षाविद प्रो. लाल बहादुर वर्मा को उनके उत्कृष्ट सामाजिक सरोकारों के लिए इस राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. वर्मा ने कहा कि आज पूरे देश में सम्मान जितना अपमानित और अवमूल्यित हो रहा है उस स्थिति में सम्मान ग्रहण करना एक कठिन दायित्व है। सम्मान भाव मानव सभ्यता के विकास का प्रमाण है। संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रो. कमल नयन काबरा ने प्रो. लाल बहादुर वर्मा को शाल ओढाकर व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रो. प्रणय कृष्ण ने प्रो. वर्मा को मान पत्र भेंट किया और मानपत्र का पाठ किया।
प्रो. काबरा ने कहा कि प्रो. लाल बहादुर वर्मा में आर्गेनिक इंटेलेक्चुअल और पब्लिक इंटेलेक्चुअल का समन्वय है। प्रो. काबरा ने वर्तमान आर्थिक संरचना पर भी विचार रखे। उन्होंने कहा कि आज की अर्थव्यवस्था निजी व सामाजिक में द्वैत खड़ा कर रही है और यह स्थापित करने में लगी है कि सामाजिक में निज की हत्या हो जाती है इसलिए सामाजिक क्षेत्र को कमजोर कर निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रो. राजेन्द्र कुमार ने प्रो. लाल बहादुर वर्मा को ज्ञानयोगी व कर्मयोगी का समन्वित व्यक्तित्व बताया।
विकास नारायण राय ने प्रो. वर्मा के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। अध्यक्षता कामरेड जिया उल हक़ ने की। इसके पहले अतिथियों का स्वागत संध्या नवोदिता ने किया।
शिक्षिका शारदा देवी का परिचय उनके विद्यालय के शिक्षक मोहम्मद अहमद ने दिया। यह राष्ट्रीय सम्मान शिक्षिका शारदा देवी के नाम पर प्रदान किया जाता है। कार्यक्रम संचालन डा. पद्मा सिंह ने तथा आभार डा. सूर्यनारायण ने ज्ञापित किया। समारोह में प्रो वर्मा की पत्नी रजनीगन्धा वर्मा, रविकिरण जैन, रामजी राय, ओ.डी.सिंह, डा.अनिल पुष्कर, प्रो. अली अहमद फातमी, डा. संजय श्रीवास्तव, अर्चना शर्मा, रंजना मेहरोत्रा, अमित कुमार, अर्पित शशांक, देवीदास, खुर्शीद नकवी, ऋचा सिंह, सीमा आज़ाद , अंशु मालवीय सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।