CPI (ML) demands high-level investigation into the bodies of two Dalit girls found hanging from a tree in Farrukhabad

लखनऊ, 28 अगस्त। भाकपा (माले) ने फर्रुखाबाद में जन्माष्टमी का उत्सव देखने गईं दो दलित लड़कियों के शव पेड़ से लटकते मिलने की स्तब्ध कर देने वाली घटना की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि परिजनों ने लड़कियों द्वारा आत्महत्या किये जाने की पुलिसिया थ्योरी से स्पष्ट रूप से इनकार किया है और हत्या कर लाश को लटका देने की आशंका जताई है। माले नेता ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों को लेकर जो माहौल है और जिस तरह से उन पर हिंसा की घटनाएं हो रही हैं, उसे देखते हुए फर्रुखाबाद की घटना के पीछे छुपे अपराध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। दलितों का खास तौर से बुरा हाल है। परिजनों की बात में सच्चाई हो सकती है। दोनों सहेलियों में से एक बालिग थी और दूसरी उससे थोड़ी छोटी। क्या दुष्कर्म जैसे अपराध को छुपाने के लिए उन्हें मारकर लटका दिया गया? जो भी हो, गहराई से जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। कामरेड सुधाकर ने कहा कि आगरा में इंजीनियरिंग की छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म की घटना में पुलिस की भूमिका ने पीड़िता को विच्छिप्त बना दिया। थानों के चक्कर लगा-लगा कर छात्रा थक गई। पुलिस कार्रवाई से टालमटोल करती रही। अन्ततः छात्रा को न्याय के लिए चौराहे पर कपड़े उतारने पड़े। तब जाकर पुलिस हरकत में आई और जिस आरोपी को वह पहले ही क्लीन चिट दे रही थी, उसे गिरफ्तार करना पड़ा। कुल मिलाकर प्रदेश में महिला सुरक्षा की स्थिति अत्यंत ही भयावह है। इसे स्वीकार करने और इस पर ध्यान देने के बजाय सरकार इस पर पर्दा डालने और अपनी पीठ थपथपाने में लगी है।

एक अन्य बयान में, माले राज्य सचिव ने आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने को आये दिन हो रही रेल दुर्घटनाओं और उसे रोक पाने में सरकार की विफलता से ध्यान बंटाने की कार्रवाई बताया। कहा कि नाम बदलने की कवायद से बेहतर होता सरकार यात्री सुरक्षा पर ध्यान देती।