फिल्म सिटी बनाकर किसानों की लाचारी और भुखमरी पर फिल्में बनवाएंगे अखिलेश यादव ?
फिल्म सिटी बनाकर किसानों की लाचारी और भुखमरी पर फिल्में बनवाएंगे अखिलेश यादव ?
जनविरोधी नीतियों वाली यूपी सरकार धरना स्थल बदलकर दबाना चाहती है लोकतांत्रिक आवाजों को
नियुक्तियों में भ्रष्टाचार और भूमि अधिग्रहण जैसी जनविरोधी नीतियों वाली यूपी सरकार धरना स्थल बदलकर दबाना चाहती है लोकतांत्रिक आवाजों को
लखनऊ। रिहाई मंच ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धरने-प्रदर्शन के स्थल को विधानभवन से फिर से दूर करने के प्रस्ताव को प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा कि सरकार को खतरा है कि उसकी जनविरोधी नीतियों के खिलाफ किसान-युवा एक जुट हो रहा है, ऐसे में उसने धरना स्थल को दूर कर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
रिहाई मंच कार्यकारिणी सदस्य अनिल यादव ने राज्य लोक सेवा आयोग, पुलिस कर्मियों की भर्तियों समेत पूरे सूबे में नियुक्तियों में धांधली और प्रदेश में फिल्म सिटी, स्मार्ट सिटी, ट्रांस गंगा सिटी जैसी विकास के नाम पर किसानों के विस्थापन की परियोजनाओं के खिलाफ बढ़ रहे जनता के असंतोष को देखते हुए सरकार द्वारा धरना स्थल को विधानभवन से और अधिक दूर करने के निर्णय को लोकतंत्र की हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार के दौरान धरना स्थल हटाए जाने पर मुलायम सिंह ने लोहिया के कथन को दोहराया था कि जिंदा कौमें पांच साल तक इंतजार नहीं करती। ऐसे में लोहिया को भूलकर कारपोरेट की गोद में खेलने वाले मुलायम सिंह और उनके कुनबे को यह सनद रहना चाहिए कि लोकतंत्र मुल्क की नींव है और इस नींव को कमजोर करने की कोशिश को अवाम बर्दाश्त नहीं करेगी।
श्री यादव ने कहा कि लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष द्वारा क्षेत्र विशेष के जाति विशेष की नियुक्तियों और अध्यक्ष की नियुक्ति, परीक्षाओं के पेपर लीक प्रकरण में सपा सरकार की आपराधिक भूमिका है। सूबे में विभिन्न नियुक्तियों में जाति विशेष के लोगों की नियुक्ति कर सपा चुनावी ध्रुवीकरण का खेल-खेल रही है। जबकि वास्तविकता जनता जानती है कि इन नियुक्तियों में किस तरीके से मुलायम सिंह और उनके कुनबे के क्षेत्रों से ही नियुक्तियां और लेन-देन का कारोबार हुआ है।
अनिल यादव ने कहा कि जब उन्नाव में 23 से अधिक किसानों की पिछले दो महीनों में आत्महत्या व दिल का दौरा पड़ने व सदमें से मौत हो गई है, ऐसे में फिल्म सिटी के नाम पर 300 एकड़, ट्रांस गंगा सिटी के नाम पर 1100 एकड़ भूमि अधिग्रहण की अखिलेश सरकार की नीति ने साफ कर दिया है कि उनके पास युवाओं और किसानों के लिए कोई नीति नहीं है। अखिलेश यादव बताएं कि फिल्म सिटी बनाकर वह किसानों की लाचारी और भुखमरी पर फिल्में बनवाएंगे क्या।


