आपरेशन जूलियट से उजागर हुआ भाजपा और संघ परिवार का उन्मादी व हिंसक चेहरा- राजीव यादव
मुजफ्फरनगर साम्प्रदायिक हिंसा में भाजपा और बजरंग दल की भूमिका थी
लखनऊ, 8 अक्टूबर। रिहाई मंच ने कोबरा पोस्ट और गुलेल डाट काम के संयुक्त स्टिंग आपरेशन के द्वारा लव-जेहाद और साम्प्रदायिकता भड़काने वाले भाजपा सांसदों और विधायकों समेत संघ परिवार के लोगों का जो चेहरा बेनकाब हुआ है, उसे भाजपा का असली चेहरा करार दिया है।
कोबरा पोस्ट द्वारा आपरेशन जूलियट नाम से किये गये स्टिंग आपरेशन में मुज़फ्फरनगर साम्प्रदायिक हिंसा और उपचुनाव के दौरान भाजपा और संघ परिवार के द्वारा जो राजनैतिक ध्रुवीकरण करने के लिए लव-जेहाद के जरिये साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिश की गयी थी उसको बेनकाब किया है।
रिहाई मंच ने अपनी जारी प्रेस रिलीज में कहा है कि भाजपा की यह परम्परा नाथूराम गोडसे से लेकर बाबू बजरंगी तक की रही है जिसे अब भाजपा सांसद व विधायक आगे बढ़ा रहे हैं। दादरी काण्ड के बाद बिसाहड़ा पहुँचे सामाजिक कार्यकर्ता परवेज़ पर दर्ज मुकदमे की रिहाई मंच ने निन्दा की है।
रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि मोदी की सरकार आने के बाद ही जिस तरह से प्रधानमंत्री ने अपने दंगाई सांसदों को मीडिया से दूर रहने की सलाह दी थी, उसका कारण यही था कि उनका आपराधिक चरित्र उजागर न हो पाये। आपरेशन जूलियट के तहत खुफिया कैमरे के सामने जिस तरीके से संगीत सिंह सोम, सुरेश राणा, और भाजपा सांसद हुकुम सिंह और संजीव बालियान अपनी करतूतों को बता रहे हैं उससे साफ जाहिर होता है कि मुजफ्फरनगर साम्प्रदायिक हिंसा में भाजपा और बजरंग दल की क्या भूमिका थी। बजरंग दल व विश्व हिन्दू परिषद द्वारा जिस तरीके से पूरे देश में मुसलमानों के प्रति द्वेष फैलाया जा रहा है वह न सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय के लिए घातक है बल्कि लोकतन्त्र के लिए भी खतरनाक है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर साम्प्रदायिक हिंसा में शामिल
भाजपा विधायक संगीत सोम पर रिहाई मंच द्वारा अमीनाबाद थाना लखनऊ में की गयी शिकायत पर कार्यवाही की गयी होती तो साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने का यह दौर वहीं थम जाता। उन्होंने सवाल किया कि अखिलेश सरकार विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित कर प्रतिबंधित क्यों नहीं कर रही है।
रिहाई मंच प्रवक्ता शहनवाज आलम ने कहा कि प्रदेश में बढ़ रही साम्प्रदायिक हिंसा सपा, भाजपा की मिली-जुली राजनैतिक साजि़श है। दादरी के बिसाहड़ा गॉंव में अखलाक के परिजनों से मिलने गये सामाजिक कार्यकर्ता परवेज़ के ऊपर दर्ज मुकदमें की रिहाई मंच निन्दा करता है। उन्होने कहा कि हाशिमपुरा नरसंहार पर आयोजित जन-सम्मेलन में शामिल 16 लोगों पर नामजद व 34 अज्ञात लोगो पर मुकदमा दर्ज किया जाना सपा सरकार की अलोकतान्त्रिक, साम्प्रदायिक जेहनियत का नमूना है। परवेज़ पर दर्ज किया गया मुकदमा इसी कड़ी का एक हिस्सा है। उन्होने अपने बयान में कहा कि केन्द्र व प्रदेश की इन फांसीवादी साम्प्रदायिक सरकारों के द्वारा फैलायी जा रहे साम्प्रदायिक उन्माद व हिंसा के खिलाफ जल्द ही एक बड़ा जन-सम्मेलन कर आन्दोलन की रणनीति तय की जाएगी।