“अच्छे दिन” और महिलाओं के प्रति हिंसा के लिए “जीरो टॉलरेंस” जैसे जुमलों के साथ ने सत्ता पर काबिज हुई “मोदी” सरकार ने न सिर्फ यह साबित कर दिया है कि वह अपने से पूर्ववर्ती सरकारों से किसी भी प्रकार से भिन्न नहीं है, बल्कि उनसे भी ज्यादा जनविरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक है। अपने हिंदुत्ववादी एजेंडे के साथ भाजपा सरकार और उसके सहोदर संगठनों नेपूरे देश में सांप्रदायिक उन्माद फैलाना शुरु कर दिया है। उनके इन घृणित मंसूबों से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले तबकों में महिलाएं सर्वोपरि हैं।“लव जेहाद”, “बेटी बचाओ,देश बचाओ” जैसे अभियानन केवल महिलाओं के प्रति पश्चगामी मूल्यों को दर्शाते हैं बल्कि भगवा ब्रिगेड के विभिन्न नेताओं द्वारा दिए जाने वाले बच्चे पैदा करने वाले वाहियात बयानों ने महिलाओं को एक बच्चा पैदा करने की मशीन के रूप में दर्शाया है।
जहां एक तरफ भाजपा के संरक्षण में हिंदुत्ववादी-फासीवादी संगठन लगातार महिलाओं की अस्मिता की अवमानना कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार ने अपनी कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों के तहत कॉर्पोरेट जगत के लिए अथाह मुनाफा सुनिश्चित हेतु मजदूरों को तीव्र शोषण और उत्पीड़न की तरफ ढकेल दिया है। जाहिर है यहां महिला मजदूर भी इन नीतियों का शिकार हो रही हैं। श्रम कानूनों में संशोधन कर महिलाओं को रात की पाली में काम करवाने की इजाजत जैसी नीतियां महिला मजदूरों के श्रम का किसी भी हद तक शोषण कर देशी-विदेशी पूंजीपतियों के लिए अथाह मुनाफा सुनिश्चित करती हैं।
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र फासीवादी संगठनों द्वारा किए जा रहे महिलाओं के अपमान तथा मोदी सरकार द्वारा महिला मजदूरों समेत आम मेहनतकश मजदूरों के शोषण का पुरजोर विरोध करते हुए इसके प्रतिकार हेतु 26 अप्रैल को जंतर-मंतर, नई दिल्ली पर एक विरोध-प्रदर्शन आयोजित कर रहा है। आपकी इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है।
क्रांतिकारी अभिवादन के साथ
प्रगतिशील महिला एकता केंद्र
कार्यक्रम
बढ़ती सांप्रदायिकता के साथ बढ़ते महिला उत्पीड़न के विरोध में धरना व प्रदर्शन
दिनांक – 26 अप्रैल 2015, रविवार
स्थान- जंतर-मंतर, नई दिल्ली
समय- प्रातः 10 बजे से