बहुजनों की गुलामी के लिए बहुजन नेता और बुद्धिजीवी भी जिम्मेवार - दुसाध
बहुजनों की गुलामी के लिए बहुजन नेता और बुद्धिजीवी भी जिम्मेवार - दुसाध
आरा, 02 मई :’आज भारत में टॉप की टॉप की 10 % आबादी के हाथ में 90 % प्रतिशत से ज्यादा दौलत चली गयी है और शेष 90%आबादी बमुश्किल 9-10% धन-दौलत पर गुजर करने के लिए विवश है. इससे सबसे बुरी दशा दलितों की हो गयी है.वे आज 1%से भी कम धन-दौलत पर निर्भर रहने के लिए मजबूर हैं. इससे निकट भविष्य में उनके विशुद्ध गुलाम समुदाय में तब्दील होने के आसार दिखने लगे हैं. आज पूरी दुनिया में धन का ऐसा असमान बंटवारा कहीं नहीं है. यह स्थिति इसलिए पैदा हुई है क्योंकि आजाद भारत के शासकों ने धनार्जन के समस्त स्रोतों में ओबीसी, एससी/एसटी और धार्मिक अल्पसंख्यकों को वाजिब हिस्सेदारी दिलाने की योजना ही नहीं बनाया. उनका सारा ध्यान सदियों के विशेषाधिकारयुक्त सवर्णों को धनार्जन के स्रोतों पर अधिक से अधिक कब्ज़ा दिलाने पर रहा.’
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यह बातें आज बिहार के दौरे पर आये 72 किताबों के लेखक और ‘डाइवर्सिटी मैन ऑफ़ इंडिया’ के रूप में मशहूर एच.एल. दुसाध ने स्थानीय होटल ‘ आदित्या इन’ में आयोजित प्रेस वार्ता में कही.
धनार्जन के समस्त स्रोतों का सवर्ण, ओबीसी, एससी/एसटी और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के मध्य वाजिब बंटवारे के लिए देशव्यापी हस्ताक्षर चला रहे दुसाध ने आगे कहा कि आज बहुजन समाज, विशेषकर दलित अगर विशुद्ध गुलाम में परिणत होने जा रहे हैं तो इसके लिए शासकों से कम जिम्मेवार दलित नेता , बुद्धिजीवी और एक्टिविस्ट भी नहीं हैं. इन्होने आजाद भारत में धनार्जन के समस्त स्रोतों में भागीदारी की लड़ाई लड़ी ही नहीं. वे धनार्जन के एकमात्र स्रोत नौकरियों में आरक्षण के बचाने और और अधिक से अधिक निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करवाने में अपनी समस्त उर्जा लगाते रहे. अगर इन्होने सरकारी और निजी क्षेत्र की नौकरियों के साथ सप्लाई, डीलरशिप, ठेकों,पार्किंग-परिवहन, फिल्म मीडिया सहित धनार्जन के समस्त स्रोतों में बहुजनों की वाजिब भागीदारी की लड़ाई लड़ी होती, आज गुलामी की नौबत नहीं आती.अगर दलित बहुजन को अपने समाज को गुलामी से बचाना है तो उन्हें नए सिरे से धनार्जन के समस्त स्रोतों के पुनर्वितरण की लड़ाई शुरू करनी होगी.
आरा से अपने दो सप्ताह के बिहार दौरे का समापन करते हुए दुसाध ने घोषणा किया कि कल से बहुजन डाइवर्सिटी मिशन के बिहार के प्रभारी बाबा साहेब डॉ .भीमराव आंबेडकर बिहार विवि, मुजफ्फरपुर के प्रोफ़ेसर डॉ. अनिल कुमार धवन होंगे और उनकी ही देखरेख में मुजफ्फरपुर में आगामी 27अगस्त,2018 को अगले ‘डाइवर्सिटी डे’ का दो दिवसीय आयोजन होगा. प्रेस वार्ता में अजय पासवान, अरविन्द चक्रवर्ती, अमित कुमार, चन्दन पासवान इत्यादि उपस्थित रहे.
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