बेगुनाह अमिताभ की रिहाई के लिए लखनऊ
विधानसभा के समक्ष हुआ प्रदर्शन,
यूपी पुलिस का पुतला फूँका
लखनऊ 13 नवंबर 2013। डालीगंज, लखनऊ के रहने वाले अमिताभ को उनके बड़े भाई अंबरीश सिंह उर्फ विनोद सिंह जिनकी मृत्यु हो चुकी है की जगह पर 12 अक्टूबर 2013 जैदपुर, बराबंकी की पुलिस द्वारा जेल भेजे जाने के खिलाफ सामाजिक, मानवाधिकार व राजनीतिक संगठनों ने प्रदर्शन किया और यूपी पुलिस का पुतला फूँका। प्रदर्शनकारियों ने विधान सभा के सामने बेगुनाह अभिताभ को रिहा करो, पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, डीजीपी होश में आओ, एस. पी. बाराबंकी को बर्खास्त करो, थानाध्यक्ष जैदपुर बाराबंकी को जेल भेजो, यूपी की जेलों में कैद बेगुनाहों को रिहा करो, सपा सरकार में पुलिसिया गुंडाराज मुर्दाबाद के नारे लगाते हुये उत्तर प्रदेश पुलिस का पुतला फूँका।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने विनोद सिंह के नाम से वारंट जारी किया जिनकी मृत्यु एक वर्ष पूर्व हो चुकी थी, जिसको अनदेखा करते हुए बाराबंकी की जैदपुर थानाध्यक्ष राय साहब यादव ने मृतक के बड़े भाई के स्थान पर उससे बारह साल छोटे भाई अमिताभ सिंह को जेल भेज दिया जिसका कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है और ना ही आज तक उसके नाम पर कोई एफआईआर दर्ज है। बाराबंकी की जैदपुर पुलिस ने अमिताभ सिंह पुत्र सर्वदमन सिंह निवासी 22 न्यू क्वार्टर, डालीगंज थाना हसनगंज, लखनऊ के घर 11-12 अक्टूबर की रात को छापा मारकर घर वालों से पूछा कि विनोद कुमार सिंह कौन है ? जब घर वालों ने बताया की अम्बरीष सिंह उर्फ विनोद कुमार सिंह की मौत हो चुकी है तो पुलिस उनके छोटे भाई अमिताभ सिंह को जबरदस्ती उठा ले गयी थी।

प्रताड़ना मुक्ति मोर्चा के अमित मिश्रा ने कहा कि पुलिस द्वारा जानबूझकर बेगुनाह अमिताभ को गिरफ्तार करना तथा समय रहते एसपी बाराबंकी व डीजीपी से गुहार लगाने के बाद भी अमिताभ का जेल जाना उत्तर प्रदेश पुलिस की दमनकारी भूमिका उजागर करती है। पूरे प्रदेश में न जाने कितने बेगुनाहों को जेलों में डाल रखा है। उन्होंने कहा कि इस घटना के दोषियों को बर्खास्त करते हुए अमिताभ को रिहा किया जाये। उन्होंने कहा कि 26 अक्टूबर को सी.जे.एम. बाराबंकी को प्रेषित रिपोर्ट में एस.पी. बाराबंकी आनंद कुलकर्णी ने ये मान लिया कि असली अभियुक्त की मौत हो चुकी है। जेल में बंद अमिताभ बेगुनाह है। मगर बेगुनाह आमिताभ आज भी बाराबंकी जेल में बन्द है। पुलिस ने उसे आज तक जेल से रिहा नहीं किया, यह घटना बताती है कि किस तरह यूपी में पुलिस दमनकारी और निरंकुश है।

रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव ने कहा की ये घटना बताती है की राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। राजनैतिक पार्टियों की जनता के समस्याओ के प्रति उदासीनता मौजूदा राजनैतिक पार्टियों के चरित्र को उजागर करती है, जिसका लाभ उठाकर भ्रष्ट पुलिस प्रशासन कभी बेगुनाहों से वसूली तो कभी सलाखों के पीछे भेज देता है और सत्ता के लिए फर्जी एनकाउंटर करता है।

मुस्लिम मजलिस के प्रवक्ता जैद अहमद फारूकी और भारतीय एकता पार्टी के सैयद मोइद ने इस घटना को अलोकतांत्रिक बताते हुये इसे ब्रिटिश साम्राज्य के समय की पुलिसिया कार्यवाही मानते हुये राज्य सरकार से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये पीड़ित व्यक्ति की मानसिक शारीरिक और आर्थिक क्षति की पूर्ति करते हुये सार्वजनिक तौर पर क्षमा माँगने व सम्पूर्ण घटना में सम्मिलित कर्मचारी व अधिकारियों को चिन्हित करके उनके ऊपर दंडानत्मक कार्यवाही करने की माँग की जिससे भविष्य में बेगुनाहों को इस तरह पुलिस प्रताड़ित न कर सके।

रिहाई मंच व प्रताड़ना मुक्ति मोर्चा ने आज विधान सभा के सामने प्रदर्शन करते हुये उत्तर प्रदेश पुलिस का पुतला फूँका। इस प्रदर्शन में अखिल विकल्प, गुफरान सिद्दीकी, शाहनवाज आलम, हरिशंकर, श्री राम, गीता, वसीम अख्तर आदि के साथ पी. यू. सी. एल., इंसाफ, डग, आली, रेडब्रिगेड, वादा फाउंडेशन, नागरिक अधिकार संगठन आदि संगठनो ने भी शामिल होकर अपना विरोध दर्ज कराया।