बाराबंकी में भूअधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन की चिंगारी
बाराबंकी में भूअधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन की चिंगारी
। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता के के राय ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण कानून एक औपनिवेशिक कानून है जिसमें अँग्रेजों ने अपने औद्योगिक ढाँचा रेल,परिवहन की आधारभूत संरचना को खड़ा करने के लिये किसानो से जबरन भूमि ली और मुआवजा से भी वंचित रखा।
अखिल भारतीय किसान सभा व हयूमन राइट लॉ नेटवर्क द्वारा लखनऊ मेट्रो सिटी तथा बाराबंकी विकास प्राधिकरण के नाम 63 गाँवों के किसानों की उपजाऊ जमीन छीनने के कुचक्र के खिलाफ आयोजित गोष्ठी का उदघाटन करते हुये श्री राय ने कहा कि आज के दौर में भूमि अधिग्रहण कानून के जरिये कॉरपोरेट घरानों को किसानों की जमीन जबरन छीन कर सौंपी जा रही है। आदिवासी इलाकों में विदेशी कम्पनियों को लाइसेन्स देकर आदिवासी समाज को उनके अधिकार जल,जंगल, जमीन से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि बाराबंकी जनपद में उपजाऊ जमीनो को छीनकर मेट्रो सिटी जैसी योजनाओं का निर्माण न सिर्फ किसान विरोधी है,वरन् यह विकास विरोधी भी है।
गोष्ठी में मुख्य अतिथि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राष्ट्रीय परिषद सदस्य अशोक मिश्रा ने कहा कि किसान संघर्ष का एक लम्बा इतिहास है। तेलंगाना व त्रिभागा से लेकर उत्तर प्रदेश में कमलापति त्रिपाठी के मिर्जापुर स्थित फॉर्म हाउस से लेकर बिरला के लखीमपुर के फॉर्म हाउस तक किसानों ने बँटवाया है। उसी तरह से लखनऊ और बाराबंकी में सिथत सफेद पोश भूमाफिया व अधिकारियों के फार्म हाउसेज को किसान संघर्ष के माध्यम से बँटवाया जायेगा।
सरकार में अगर समाजवादी पार्टी को रहना है तो लखनऊ मेट्रो सिटी व विकास प्राधिकरण के नाम पर किसानों की उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण की बात स्वप्न में भी न सेाचे अन्यथा इस पार्टी का वजूद समाप्त हो जायेगा।
पार्टी के सह सचिव रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि मेट्रो सिटी व विकास प्राधिकरण के विरोध में लखनऊ विधान सभा पर आगामी 30 सितम्बर को किसान सभा व हयूमन राइट ला नेटवर्क के द्वारा जंगी प्रदर्शन किया जायेगा।
पार्टी के जिला सचिव बृजमोहन वर्मा ने कहा कि किसान की जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ गाँव-गांव में प्रदर्शन किया जायेगा और जिले में तैनात अधिकारियों के काले कारनामों को बताया जायेगा। डॉ0उमेश चन्द्र वर्मा ने कहा कि जिन अधिकारियों ने अपने भार्इ व भतीजो के नाम पर प्लाट व जमीनें खरीदी हैं उनकी एक सूची प्रकार्शित की जायेगी।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये डॉ. कौसर हुसैन ने कहा कि अधिकारियों को अपनी प्राथमिकता समझ लेनी चाहिये। किसानों की जमीन छीनने से पहले उनको कमीशन व घूसखोरी बन्द कर देनी चाहिये ।
गोष्ठी में निर्मल वर्मा, राम नरेश वर्मा, पुष्पेन्द्र कुमार,दलसिंगार,नीरज कुमार एडवोकेट,गिरीश चन्द्र,रामशंकर शर्मा, रामविलास वर्मा,अमरसिंह, शिवम शुक्ला, संजय सिंह सहित विभिन्न गावों के सैकड़ो प्रतिनिधि मौजूद थे। गोष्ठी का संचालन किसान सभा के जिला अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने किया।
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