बीजेपी-आरएसएस के एजेंडे को ही लागू कर रही है नीतीश सरकार भी
बीजेपी-आरएसएस के एजेंडे को ही लागू कर रही है नीतीश सरकार भी
पटना, 26 मई। पुलिसिया प्रताड़ना व सत्ता के दमन के खिलाफ आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेएनयू के छात्र नेता बीरेन्द्र कुमार ने कहा कि भाजपा-आरएसएस शासित राज्यों की ही तरह बिहार की नीतीश-लालू की सरकार भी एक्ट कर रही है। जनता के हक-अधिकार व सामाजिक न्याय की आवाज बुलंद करने के कारण मुझपर माओवादी ठहराने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
बिहार की राजधानी पटना के फ्रेजर रोड स्थित यूथ हॉस्टल में धर्मनिरपेक्षता -लोकतंत्र व सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध दो दर्जन के लगभग संगठनों व लोकतंत्र पसंद नागरिकों की कल बैठक के दरम्यान 4 बजे शाम के आस-पास हॉस्टल कैम्पस में बड़ी तादाद पुलिस-पदाधिकारियों ने पहुंचकर लगभग दो घंटे तक दर्जनों सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बंधक बनाकर रखा और बैठक में माओवादियों के शामिल होने के आरोप के आधार पर प्रताड़ित किया।
बैठक में शामिल जेएनयू में सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ते हुए जेएनयू प्रशासन द्वारा निलंबित छात्र नेता बीरेन्द्र कुमार को पुलिस ने विशेष तौर पर निशाने पर लिया और गांधी मैदान थाना में लगभग रात 9.30 बजे रात तक माओवादी होने के आरोप में रखा। पुलिस ने झारखण्ड के दुमका जिले स्थित उनके घर पुलिस को भेजकर उनके माँ-पिता को भी परेशान किया।
अल्पसख्यकों-वंचित समूहों पर बढ़ते ब्रह्मणवादी- सामंती- सांप्रदायिक हमले व दमन के खिलाफ न्याय, धर्मनिरपेक्षता व लोकतंत्र के लिए संघर्ष को तेज करने व मजबूत बनाने के लिए साझा बैठक हो रही थी।
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए न्याय मंच के नेता रिंकु यादव एवं डॉ. मुकेश कुमार ने कहा कि पूरे बिहार में आरएसएस-बीजेपी और सवर्ण-सामंती ताकतों का मनोबल चरम पर है। पिछले दिनों छपरा, भोजपुर, गोपालगंज, सिवान, भागलपुर से लेकर नवादा में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की और अल्पसंख्यकों पर हमले की दर्जनों घटनाएं हुई है। इन तमाम घटनाओं में बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद, व आरएसएस जैसे संगठन और बीजेपी के नेताओं की भूमिका रही है किन्तु सेकुलर कहलाने वाली नीतीश-लालू की सरकार दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय इंसाफ की आवाज बुलंद करने वालों को माओवादी-आतंकवादी ठहराने पर अमादा है।
नेताओं ने कहा कि नीतीश-लालू पिछले 27 वर्षों से बिहार में सरकार चला रहे हैं, किन्तु बिहार में सेकुलरिज़्म और सामाजिक न्याय के लक्ष्य की तरफ बढ़ने के बजाय उसका गला ही घोंटा जा रहा है। नेताओं ने आरोप लगाया कि नीतीश-लालू की सरकार के संविधान व लोकतंत्र की हिफाजत के दावों की पोल खुल गई है। बिहार की सरकार भी बीजेपी-आरएसएस के एजेंडे को ही लागू कर रही है।
संवाददाता सम्मेलन में जेएनयू के छात्र बिरेन्द्र कुमार, न्याय मंच के रिंकु यादव, डॉ. मुकेश कुमार, अभिषेक राज, एआईएसएफ के सुशील कुमार, बागडोर के संतोष यादव, संस्कृतिकर्मी अनीश अंकुर, स्वराज नागरिक मंच के राजकुमार पासवान, आरक्षण बचाओ-संविधान बचाओ मोर्चा के हरिकेश्वर राम, गजेंद्र मांझी, आइसा के रामजी यादव, संतोष कुमार आर्या सहित कई एक मौजूद थे।


