अंबरीश कुमार

पश्चिम के मुजफ्फरनगर के बाद अब पूर्वांचल पर भगवा ब्रिगेड की नजर है। वहाँ किसी तैयारी की भी जरूरत नहीं है क्योंकि योगी आदित्यनाथ की हिन्दू युवा वाहिनी गोरखपुर और बस्ती मंडल में तैयार बैठी है। योगी आदित्यनाथ ने भी महापंचायत का एलान कर दिया है जिसके बाद गोरखपुर मंडल में माहौल गर्म है। सिर्फ यही नही सबसे ज्यादा तेज गतिविधियाँ आजमगढ़ में हैं। इस बीच पीस पार्टी में हुयी बगावत से एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आयी है जो पूर्वांचल में हिन्दू कट्टरपंथी ताकतों के साथ मुस्लिम कट्टरपंथी ताकतों को भी बेनकाब करने वाली है। पीस पार्टी के विधायक दल के नेता अखिलेश कुमार सिंह ने पार्टी के सूत्रधार डॉ. अयूब को साम्प्रदायिक बताते हुये उन्हें फैजाबाद में हुये दंगों के लिये जिम्मेदार भी बता दिया ।

अब तक यह बात दबे छुपे ढंग से होती थी पर अखिलेश सिंह ने पीस पार्टी की राजनैतिक धारा को ही सार्वजनिक कर दिया है जिसे लेकर पूर्वांचल में काफी बहस हो चुकी है। इससे यह भी साफ़ हो गया कि दोनों धर्मों के कट्टरपंथी माहौल बिगाड़ने के प्रयास में है। ठीक उसी तरह जैसे मुजफ्फरनगर में हुआ। वहाँ भी दोनों तरफ के कट्टरपंथी दंगों के लिये जिम्मेदार हैं जो दलीय सीमा तोड़कर अपने अपने धर्म के हुये जमावड़े में शामिल हुये। इसमें कांग्रेस, बसपा और सपा के नेता भी शामिल थे। अब वही खतरा पूर्वांचल पर मंडरा रहा है। पूर्वांचल के कई जिलों में वाहिनी के कार्यकर्त्ता मुजफ्फरनगर को लेकर सरकार को घेर रहे हैं और उसे एक समुदाय का समर्थक घोषित कर रहे हैं। वे हिन्दुओं के लिये मुआवजा माँग रहे हैं।

तहरीक ए निसवां की संयोजक ताहिरा हसन के मुताबिक मुजफ्फरनगर को लेकर आजमगढ़ में मुस्लिम समुदाय का एक तबका काफी आशंकित है। आजमगढ़ वैसे भी हिन्दुत्ववादी कट्टरपंथी ताकतों के निशाने पर पहले से है। पर वहां भी दोनों समुदायों के कट्टरपंथी हैं, यह साफ़ हो चुका है।

इस बीच विश्व हिंदू परिषद ने साफ किया है कि तेरह सितम्बर को अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा के समय पर सम्पूर्ण होने के उपरान्त दक्षिण भारत के पूज्य संतों द्वारा की जाने वाली अयोध्या की पंच कोसी परिक्रमा आश्विन कृष्ण तृतीया यानि इस माह की 22 तारीख से होगी। विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय ने आज बताया कि दक्षिण भारत के चार राज्यों – केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश के लगभग एक दर्जन संत तथा उनके लगभग सौ राम भक्त अनुयायी बीस दिनों तक चलने वाली अयोध्या की पंच कोसी परिक्रमा में भाग लेंगे। आन्ध्र के संत दस दिन, कर्नाटक के छह दिन तथा तमिलनाडु और केरल के पूज्य संत दो-दो दिन परिक्रमा करेंगे।

अलग-अलग टोलियों में आने वाले संत अयोध्या की एक परिक्रमा कर अपने-अपने स्थान पर लौटेंगे। भगवान श्री राम की पतित पावनी जन्म स्थली अयोध्या नगरी की इस परिक्रमा को ये संत अगले माह आने वाली विजया दशमी यानि 13 अक्टूबर को पूर्ण करेंगे। उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़र नगर में हुये सांप्रदायिक दंगों को दुर्भाग्य पूर्ण बताते हुये विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महा मंत्री ने कहा है कि यदि सरकार विवेक से काम लेती और शेष सुरक्षा बलों को समय रहते मुजफ़्फ़र नगर भेज देती तो वहाँ हिन्दुओं पर हुये अत्याचारों को रोका जा सकता था।

अब ध्यान दें, विश्व हिन्दू परिषद ने अयोध्या से लेकर मुजफ्फरनगर सभी को समेट लिया है और पूर्वांचल में जो भी कार्यक्रम होगा उस पर मुजफ्फरनगर हावी रहेगा। आने वाला समय भी उन त्योहारों का है जब पूर्वांचल में ज्यादा तनाव होता है। दशहरा से लेकर दुर्गा पूजा तक। यह वह भी समय है जब नरेन्द्र मोदी उत्तर प्रदेश में अपना चुनाव अभियान शुरू करेंगे। ऐसे में जिस तरह की राजनैतिक सामाजिक जमीन कट्टरपंथी ताकतों ने पश्चिम में बना दी है वैसी जमीन पूर्वांचल में तैयार हुयी तो हालात बेकाबू होंगे।

इंडियन पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष अखिलेन्द्र प्रताप सिंह दंगों से निपटने में सरकार को नाकाम बताते हुये कहते है कि यह कैसी सरकार है जो दंगों के उन अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं करवा पा रही है जो विधान सभा में चुनौती दे रहे हैं। हालाँकि सरकार एक दिन बाद यह कदम उठाना चाहती है ताकि भाजपा को विधान सभा का मंच शहीद होने के लिये न मिले। पर यह तर्क किसी के गले उतर नहीं रहा है। ऐसी स्थिति में पूर्वांचल और बड़ी चुनौती है।