भाजपा का मॉडल लोकतंत्र के खिलाफ, वह देश को पाषाण युग में ले जा रही- हरीश रावत
भाजपा का मॉडल लोकतंत्र के खिलाफ, वह देश को पाषाण युग में ले जा रही- हरीश रावत

लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है भाजपा का मॉडल
देश को पाषाण युग में ले जाना चाहती है भाजपा
जेएनयू कभी कांग्रेस का प्लेटफार्म नहीं रहा, परंतु हमने कभी जेएनयू की स्वायत्तता कम करने का प्रयास नहीं किया
नई दिल्ली, 22 फरवरी 2016: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत (Uttarakhand Chief Minister Harish Rawat) ने कहा है कि भाजपा सुनियोजित तरीके से अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ घृणा व असहिष्णुता का वातावरण बना रही है जो कि देश के लिए घातक है। प्रबुद्ध जनमानस को इसका विरोध करने के लिए आगे आना चाहिए। इसका एक ज्वलंत उदाहरण है कि उधमसिंहनगर में भाजपा के एक बड़े नेता द्वारा सार्वजनिक रूप से कहा गया है कि जो व्यक्ति राहुल गांधी का सिर काटकर जेएनयू के गेट पर टांगेगा, उसकी पूजा की जाएगी। दो दिन पहले होने वाली इस घटना पर बीजेपी के किसी भी नेता ने खेद तक प्रकट नहीं किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा देश को पाषाण युग में ले जाना चाहती है। भाजपा का ये मॉडल लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है। भाजपा देश की रूलिंग पार्टी है, उन्हें जिम्मेदार तरीके से व्यवहार करना चाहिए। परंतु वे एक सोची समझी साजिश के तहत घृणा का अभियान चला रहे हैं। पहले कन्हैया के खिलाफ बात कर रहे थे अब राहुल गांधी के खिलाफ उत्तेजक नारे लगा रहे हैं। आप किसी का विरोध कर सकते हैं, परंतु कानून को अपने हाथ में कैसे ले सकते हैं।
भाजपा की हरकतों से खतरे में आ जाएगा संसदीय लोकतंत्र
श्री रावत ने कहा कि भाजपा को यह अथॉरिटी किसने दी कि वे किसी को भी देशद्रोही घोषित कर दें। जिस तरह भाजपा अपने राजनीतिक विरोधियों को चिन्हित कर रही है, इससे संसदीय लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा। इसके विरोध में डेमोक्रेटिक ताकतों को आगे आना चाहिए। अफजल गुरू को फांसी यूपीए सरकार के समय दी गई थी। कोई इस बात पर डिबेट करे कि फांसी होनी चाहिए या नहीं, इसे अगर राष्ट्रद्रोह माना भी जाता है तो यह काम कानून सम्मत प्रक्रिया से किया जाना चाहिए। जिनकी शुरूआत अंग्रेजों की भक्ति से हुई वे लोग हमें देशभक्ति सिखाना चाहते हैं। उस परिवार पर उंगली उठा रहे हैं जिनकी तीन पीढ़ियां आजादी की लड़ाई में एक साथ नैनी जेल में बंद थी, जिन्होंने हमेशा देश के लिए बलिदान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के खिलाफ नारेबाजी का हम भी विरोध करते हैं, ऐसी नारेबाजी करने वालों पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए, परंतु यह काम कानून द्वारा किया जाना चाहिए। भाजपा के लोग दंड देने का काम कैसे कर सकते हैं। कोर्ट परिसर में की गई मारपीट की घटना को कैसे सही ठहराया जा सकता है। दंड देने काम माननीय न्यायालय का है, भाजपा के लोगों को इसकी इजाजत किसने दी।
श्री रावत ने मीडिया की ओर मुखातिब होकर कहा कि ‘‘बर्बादी के चर्चे तेरे भी हैं जहां में’’। अभी राजनीतिक दलों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है, बाद में मीडिया का भी नम्बर आ सकता है। आपत्तिजनक नारे लगाने वालों को छोड़ा नहीं जा सकता है परंतु इसके लिए पूरी जेएनयू को निशाना क्यों बनाया जा रहा है? जेएनयू हमेशा वैकल्पिक विचारधारा का केंद्र रही है। जेएनयू कभी कांग्रेस का प्लेटफार्म नहीं रहा, परंतु हमने कभी जेएनयू की स्वायत्तता कम करने का प्रयास नहीं किया है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर में आतंकवाद फिर से सर उठाने लगा है। सीमा पार आतंकवाद को हमने तीन सीमावर्ती जिलों तक सीमित कर दिया था अब वह जम्मू कश्मीर से बाहर निकलकर पंजाब तक पहुंच गया है। पंजाब में कई घटनाएं हो चुकी हैं। एनडीए सरकार के समय भी संसद पर आतंकवादी आक्रमण हुआ था। इनसे पूछा जाना चाहिए कि इनके सरकार में आने पर ही ये घटनाएं क्यों होती हैं।


