जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर मोदी से सवाल

नेशनल पैंथर्स पार्टी के संरक्षक प्रो.भीमसिंह ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री सुश्री महबूबा मुफ्ती के राष्ट्रीय ध्वज को लेकर आज सुबह दिए गए इस वक्तव्य पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अनुच्छेद 35ए में कोई भी संशोधन अस्वीकार्य है, मुझे यह कहने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं है कि कश्मीर में कोई भी राष्ट्रीय ध्वज के शव को उठाने को तैयार नहीं होगा, मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं।

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री के राष्ट्रीय ध्वज के संबंध में यह वक्तव्य एक खतरे की घंटी है।

प्रो.भीमसिंह ने कहा कि यहां तक कि शेख अब्दुल्ला ने भी अपने विद्रोह के दौर में राष्ट्रीय ध्वज के खिलाफ इस तरह का बयान नहीं दिया था। यह न केवल राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है, बल्कि राष्ट्रीय एकता और भारतीय संविधान को चुनौती है।

प्रो.भीमसिंह ने प्रधानमंत्री से मांग की कि वे जम्मू-कश्मीर में आरएसएस की बैसाखी पर खड़ी मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए इस मामले पर स्पष्टीकरण दें। क्या मुख्यमंत्री अनुच्छेद 35ए और अनुच्छेद 370 में अंतर को नहीं समझती हैं। प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर राज्य का भारत संघ के साथ रिश्तों के बारे में राष्ट्र अवगत कराएं।

प्रो.भीमसिंह ने 1954 में अनुच्छेद 35ए के परिचय को आवंछनीय बताया, क्योंकि इसमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भारतीय संसद के कानून को रद्द करने का अधिकार दिया गया है, जो अत्यधिक घृणित और पूर्णरूप से असंवैधानिक है।

प्रो.भीमसिंह ने जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली पीडीएफ-भाजपा सरकार को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। जम्मू-कश्मीर को और अधिक मौत और विनाश से बचाने के लिए एक ही रास्ता है राज्यपाल शासन।