नई दिल्ली। वैश्विक आतंकी संगठन अल कायदा की नज़रें अब भारत पर भी केंद्रित हो गई है। दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन माने जाने वाले अल कायदा ने भारत में एक नई शाखा के गठन का ऐलान किया है।
अल कायदा के मुखिया अल जवाहिरी ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि वो भारत, म्यांमार और बांग्लादेश में अपने पैर पसारने के लिए नई शाखा बना रहा है। जवाहिरी के इस संदेश में कहा गया है कि भारत में वो कश्मीर, अहमदाबाद और आसाम में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाना चाहता है।
एसआईटीई आतंकवादी निगरानी समूह के जिहादी फोरम में पाए गए इस वीडियो में जवाहिरी ने कहा कि नया बल ‘कृत्रिम सीमाओं को खत्म कर देगा’ जिसने इलाके में मुस्लिम आबादी को बाँट रखा है ।
55 मिनट के इस ऑनलाइन वीडियो में अल कायदा ने भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी गतिविधियां और जेहाद को बढ़ाने की इच्छा जाहिर की है। जवाहिरी ने वीडियो में उपमहाद्वीप में अपनी गतिविधियां बढ़ाने को मुस्लिमों के लिए खुश होने का अवसर करार दिया है। उसका कहना है कि संगठन बर्मा, बंगलादेश और कश्मीर के मुस्लिमों को अन्याय और अत्याचार से बचाएगा।
अल कायदा पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रिय है, समझा जाता है कि इसका नेतृत्व वहीं छिपा हुआ है। लेकिन जवाहिरी ने कहा कि कायदात अल जिहाद का गठन आज नहीं हुआ, बल्कि यह दो सालों के प्रयास का नतीजा है कि भारतीय उपमहाद्वीप में मुजाहिद्दीनों को एक संगठन के अंदर लाया जाए। कायेदत अल जिहाद नाम से बना ये नया संगठन भारत के इन हिस्सों में पैर पसारने की तैयारी कर रहा है।
इस नई अल कायदा शाखा के गठन के ऐलान से भारत के लिए एक बड़ा खतरा तैयार हो गया है। हालाँकि अल कायदा के इस ऐलान को आतंकवादी समूहों की वर्चस्व की अंदरूनी लड़ाई में स्थान बनाने के रूप में भी देखा जा रहा है। असल में अल कायदा अपने ही उत्पाद आईएसआईएस से जमीनी लड़ाई हार चुका है और इराक व सीरिया में उसे नुकसाव हुआ है। समझा जाता है कि अल कायदा अरब देशों से बाहर मुसलमानों पर अपना प्रभुत्व बढ़ाने की दिशा में काम रहा है क्योंकि आईएसआईएस को वैश्विक मुसलमानों का समर्थन प्राप्त नहीं है। दूसरे अरब देशों के मुकाबले बाकी दुनिया में मुसलमानों की आबादी अधिक है। जबकि आईएसआईएस का सारा ध्यान फिलहाल सीरिया और इराक पर केंद्रित है और वह लड़ाकों की भर्ती और आर्थिक ऑपरेशनमस में लगा हुआ है।
उधर कुछ विदेशी अखबारों का मत है कि अल कायदा को भारत व आसपास के मुल्कों में अपने विस्तार की संभावनाएं दिखाई दे रही हैं क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में इन देशों में ऐसी कुछ घटनाएं हुई हैं। मसलन बर्मा में रोहिंग्या मुसलमानों का जनसंहार, भारत के असम में बंगाली मुसलमानों का कत्ले-आम और देश के कई हिस्सों में सांप्रदायिक दंगों में मुसलमानों की जान-माल की क्षति। इसलिए अलकायदा को लगता है कि वह भारत और उसके आस-पास अपनी जड़ें जमा लेगा। NDTV ने सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से खबर दी है कि आईएसआईएस से जमीनी जंग हारने के बाद अल कायदा भारत से भर्तियां करना चाहता है।
अपडेटखबर है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो पर चर्चा करने के लिए खुफिया एजेंसियों, रॉ, आईबी और एनएसए की संयुक्त बैठक बुलाई है

Al-Qaeda's desire for operational expansion eastward makes sense: There are roughly as many Muslims in South Asia as there are in the Arab world; there are more Muslims outside the Middle East than inside it. The history of the Mughal Empire allows al-Qaeda ideologues to invoke a narrative of lost Muslim preeminence, waiting for redemption, even though some Mughal emperors would have abhorred the terrorist organization's brand of Islam.

Ishaan Tharoor, (washington post)

I don't know, ISIS, I feel like Al-Qaeda had a little more panache. You are Lady Gaga to Osama Bin Laden's Madonna.

— Michael Ian Black (@michaelianblack) September 3, 2014

Saying some Mughal rulers would disapprove of ISIS is like saying Al Qaeda disapproves of ISIS ...

— Sunanda Vashisht (@sunandavashisht) September 4, 2014

Intelligence agencies to analyse video of Al Qaeda chief Ayman al Zawahri announcing Indian wing, say government sources

— NDTV (@ndtv) September 4, 2014

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