भोपाल एनकाउंटर - निष्पक्ष जांच की मांग करने वाले नागरिकों पर पुलिसिया जुल्म
भोपाल एनकाउंटर - निष्पक्ष जांच की मांग करने वाले नागरिकों पर पुलिसिया जुल्म
भोपाल एनकाउंटर - निष्पक्ष जांच की मांग करने वाले नागरिकों को बिठाया थाने में
विनीत तिवारी
इंदौर, 5 नवंबर, 2016.
एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच की मांग करना भी गुनाह बनाया इंदौर पुलिस ने।
शाम 6 बजे।
इंदौर में आज भोपाल एनकाउंटर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर के आह्वान पर शाम 5 बजे रीगल चौराहे, इंदौर में मानव श्रृंखला बनाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाना था।
सुबह से ही पुलिस ने सीपीआई एम के ज़िला सचिव कॉमरेड कैलाश लिम्बोदिया को घर से उठा लिया और थाने लेजाकर समझाइश दी कि ये प्रदर्शन निरस्त कर दो। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक हम निष्पक्ष जांच की मांग करना चाहते हैं और करेंगे। उन्हें 3-4 घंटे थाने बिठाये रखा।
इसी तरह श्री माथुर को भी पुलिस से संदेश आया जिसका उन्होंने भी कॉमरेड कैलाश की ही तरह का जवाब दिया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक शाम 5 बजे आनंद मोहन माथुरजी के घर पर पहुंचे पुलिस वालों ने उन्हें अपने घर से निकलने ही नहीं दिया। और जो लोग भी रीगल चौराहे पहुंचे, उन्हें डंडे वर्दी से लैस पुलिस वालों ने डराया धमकाया और पुलिस की गाडी में बिठाकर कहीं ले गए। बड़ी संख्या में महिला पुलिस भी वहां तैनात की गयी थी।
वहाँ पहुंची कल्पना मेहता और जया मेहता को भी महिला पुलिस ने अपने साथ चलने के लिए कहा।
यह समाचार लिखे जाने तक खबर है कि कई राजनैतिक कार्यकर्ता अभी भी गिरफ्तार किये गए हैं। पुलिस डंडे लेकर बड़ी तादाद में मौजूद है और प्रदर्शन के लिए आये हुए लगने वाले लोगों को धमकाकर थाने ले जा रही है।
अभी अभी खबर मिली है कि गिरफ्तार किये अनेक लोगों को पुलिस तुकोगंज थाने लेकर गयी है।
न्याय की मांग करना भी मध्य प्रदेश में गुनाह की श्रेणी में आने लगा है। और निष्पक्ष जाँच की मांग करने वालों को देशद्रोही कहा जा रहा है।
देश के मानवाधिकार कार्यकर्ता मध्य प्रदेश और इंदौर पर नज़र जमाये रखें।
अभी अभी प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदर्शन में शरीक होने पहुंचे सीपीआई के ज़िला सचिव कॉमरेड रुद्रपाल यादव, एटक के नेता कॉमरेड सोहनलाल शिंदे, सीपीएम के ज़िला सचिव कॉमरेड कैलाश लिम्बोदिया और श्रमिक नेता श्यामसुन्दर यादव को भी पुलिस ने ज़बरदस्ती प्रदर्शन से रोक और उन्हें पुलिस के वाहन में बिठाकर कहीं ले जाया गया। इन लोगों के मोबाइल भी बंद आ रहे हैं।
पता चला है कि पुलिस ने दोपहर से ही बड़ी संख्या में सिविल ड्रेस में अपने लोग रीगल चौराहे पर तैनात कर रखे थे।
आनंद मोहन माथुर जी ने बताया कि उनके घर से निकलने के पहले ही करीब 100 पुलिस प्रशासन के लोग वहां पहुंच गए और उनके ड्राईवर से कार की चाबी ले ली। जब उन्होंने ऑटो से जाने के लिए घर के बाहर से ऑटो रिक्शा रोक तो पुलिस ने उसे भी डपटकर भगा दिया और उन्हें प्रदर्शन के लिए नहीं जाने दिया।
यहां ये बताना मुनासिब होगा कि श्री आनंद मोहन माथुर की आयु 90 वर्ष से अधिक है।


