मंत्री की कार के बगल से गुजर जाना क्या अपराध है? कहीं तिल का ताड़ तो नहीं बना रहीं मंत्री महोदया
मंत्री की कार के बगल से गुजर जाना क्या अपराध है? कहीं तिल का ताड़ तो नहीं बना रहीं मंत्री महोदया
विष्णु राजगढ़िया
दिल्ली में स्मृति ईरानी की कार से आगे निकले चार छात्रों को पुलिस पकड़ ले गई। स्मृति ईरानी कह रही हैं कि इन छात्रों की कार उनसे तीन बार आगे निकल गई।
इसका मतलब तो यह भी हुआ कि तीनों ही बार मंत्री महोदया की कार ने भी उसका पीछा किया होगा। सड़क पर चलती युवती से छेड़छाड़ होती है, लेकिन कार में जा रही माँ की उम्र की प्रौढ़ महिला से कोई क्या छेड़छाड़ कर लेगा?
एक बार अगर उन छात्रों ने गाड़ी बगल से निकाल ही ली, तो मंत्री महोदया को दो-तीन बार उसका पीछा करके आगे निकलने की क्या जरूरत थी?
देश में कानून का राज है तो ऐसे मामलों की एकतरफा जाँच क्यों? यह भी जाँच होनी चाहिए कि मंत्री महोदया कहीं तिल का ताड़ तो नहीं बना रहीं। लाल बत्ती के अहंकार में चार छात्रों को अनावश्यक अपमानित और बदनाम करके उनमें कुंठा पैदा करना समाज के लिए नुकसानदेह ही होगा।
(और क्या स्मृति ईरानी उस कार में अकेली थीं? केंद्रीय मंत्री के लिए सुरक्षा प्रोटोकोल क्या है? क्या उसका पालन नहीं होने के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हुई? सुरक्षाकर्मी के बिना चलकर खुद स्मृति ईरानी ने केंद्रीय मंत्री के लिए सुरक्षा प्रोटोकोल क्यों तोड़ा?जिस मार्ग से उनका वाहन गुजरा, उसकी सूचना लोकल पुलिस को क्यों नहीं दी? दी गई हो, तो पुलिस क्या कर रही थी?)
विष्णु राजगढ़िया वरिष्ठ पत्रकार हैं, उनकी फेसबुक टाइमलाइन से साभार


