मध्य पूर्व: गहराते तनाव व बढते टकराव के बीच, अधिकतम संयम बरतने का आह्वान

यूएन महासचिव ने मध्य पूर्व क्षेत्र में उपजे हालात पर सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को जानकारी दी.

न्यूयॉर्क 18 अप्रैल 2024 (संयुक्त राष्ट्र समाचार) संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि मध्य पूर्व में हाल के दिनों में टकराव व तनाव बढ़ने की पृष्ठभूमि में यह अहम है कि इसराइल और पूर्ण रूप से स्वतंत्र व सम्प्रभु फ़लस्तीनी राष्ट्र के बीच स्थाई शान्ति स्थापित करने की दिशा में प्रयास किए जाएं. उन्होंने गुरूवार को सुरक्षा परिषद की एक बैठक के दौरान सदस्य देशों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी के अनुसार, दो-राष्ट्र समाधान के विषय में प्रगति नहीं होने से तनाव व अस्थिरता बढ़ेगी और इस इस क्षेत्र में करोड़ों लोगों को निरन्तर हिंसा की छाया में रहने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व क्षेत्र इस समय बेहद ख़तरनाक स्थिति में है, जिसके मद्देनज़र अधिकतम संयम बरते जाने की ज़रूरत है, अन्यथा मौजूदा टकराव के भड़कने पर दूरगामी नतीजे हो सकते हैं.

यूएन प्रमुख ने ईरान द्वारा पिछले शनिवार को इसराइल पर किए गए हवाई हमलों की कठोर निन्दा की, जिन्हें दमिश्क में ईरान की कॉन्सुलेट पर इसराइली हमले के बाद बदले की कार्रवाई के तौर पर किया गया.

उनके अनुसार बदले के इस रक्तरंजित चक्र पर विराम लगाया जाना होगा और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ मिलकर, मध्य पूर्व को कगार की ओर धकेलने वाले क़दमों को रोकना होगा.

इस क्रम में, उन्होंने कूटनैतिक प्रयासों पर बल दिया है, जिसकी शुरुआत ग़ाज़ा से करते हुए तत्काल मानवीय युद्धविराम लागू किया जाना होगा और बंधकों की बिना शर्त रिहाई की जानी होगी.

यूएन प्रमुख ने क्षोभ जताया कि 7 अक्टूबर को हमास व अन्य फ़लस्तीनी हथियारबन्द गुटों द्वारा इसराइल पर किए गए हमले, सामूहिक हत्याएँ, यौन हिंसा, यातना व लोगों को बंधक बनाया जाना, मानवता के बुनियादी मूल्यों को असहनीय ढंग से नकारा जाना है और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है.

ग़ाज़ा में नारकीय हालात

इन हमलों के बाद शुरू हुई इसराइली सैन्य कार्रवाई को छह महीने से अधिक बीत चुके हैं, जिससे ग़ाज़ा पट्टी में एक बड़ा संकट उपजा है. हज़ारों लोगों की जान गई है, जिनमें 13 हज़ार से अधिक बच्चे हैं और क़रीब 20 लाख फ़लस्तीनी अब अकाल के जोखिम का सामना कर रहे हैं.

महासचिव ने बताया कि इसराइल ने हाल के दिनों में राहत वितरण प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए संकल्प लिए हैं, मगर किसी एक क्षेत्र में हुई प्रगति, अन्य इलाक़ों में हो रही देरी और पाबन्दियों से बेअसर हो जाती है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने के लिए मानवीय सहायता में विशाल स्तर पर वृद्धि करनी होगी, ताकि अकाल और बीमारियों से होने वाली मौतों को टाला जा सके.

ग़ाज़ा में अब तक 250 मानवीय सहायताकर्मियों की जान गई है, जिनमें 180 से अधिक यूएन कर्मचारी हैं.

पश्चिमी तट में हिंसा

यूएन प्रमुख ने क़ाबिज़ पश्चिमी तट में विस्फोटक स्थिति की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया, जहाँ 7 अक्टूबर के बाद से अब तक 450 फ़लस्तीनियों की जान गई है, इनमें 112 बच्चे हैं.

इसी अवधि में एक बच्चे समेत हिंसक घटनाओं में 17 इसराइलियों की भी पश्चिमी तट में मौत हुई है.

पिछले सप्ताहांत एक 14 वर्षीय इसराइली लड़के के मारे जाने के बाद, इसराइली बस्तियों के निवासियों द्वारा हमलों की एक नई लहर शुरू होने की ख़बर है, जिसमें पश्चिमी तट में कम से कम 37 फ़लस्तीनी गाँवों को निशाना बनाया गया. इन घटनाओं में 17 वर्षीय लड़के के अलावा तीन अन्य लोगों की जान गई है.

एंटोनियो गुटेरेस ने हिंसा की निन्दा करते हुए इसराइल से तत्काल ऐसी घटनाओं पर विराम लगाने और दोषियों की जवाबदेही तय किए जाने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा कि फ़लस्तीनी आबादी को ऐसे हमलों, हिंसा व डराए धमकाए जाने की घटनाओं से बचाना होगा.

(स्रोत- संयुक्त राष्ट्र समाचार)

Middle East: Amidst deepening tension and increasing conflict, UM Secretary General calls for maximum restraint

UN Secretary General briefed member countries in the Security Council on the situation arising in the Middle East region