आतंकवादी गुट आईएसआईएल को सीआईए और मोसाद पाल रहे-अमेरिकी प्रोफेसर
नई दिल्ली। एक सेवानिवृत्त अमेरिकी प्रोफ़ेसर और शोधकर्ता ने बराक ओबामा द्वारा सीरियाई विद्रोहियों को प्रशिक्षण समाप्त करने की योजना को सीरिया में अमेरिका की पूर्ण विफलता का चिन्ह बताया है।

रेडियो ईरान ने खबरदी है कि JAMES FETZER ने प्रेस टीवी के साथ साक्षात्कार में कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद की सरकार का तख्ता पलटने हेतु आतंकवादी गुट आईएसआईएल का समर्थन अमेरिका सहित पश्चिमी देशों की नीति रही है और यह नीति इस्राईल के हित में अपनाई गयी है।

उन्होंने कहा कि इस बात को हम जानते थे कि दाइश के बजट की आपूर्ति अमेरिका कर रहा है और दो सेवानिवृत्ति अमेरिकी जनरल इस गुट को परामर्श देते हैं। JAMES FETZER ने कहा कि आज जो कुछ हम देख रहे हैं वह एक विदेशी शक्ति की अनुचित नीति की पूर्ण पराजय है जो 11 सितंबर की घटना से आरंभ हुई है।

उन्होंने कहा कि 11 सितंबर की घटना को सीआईए, निओ कन्जरवेटिव, अमेरिकी रक्षामंत्रालय और मोसाद ने अंजाम दिया है ताकि कुछ युद्धों में अमेरिका की उपस्थिति की भूमि प्रशस्त हो जाए।

JAMES FETZER ने मध्यपूर्व में अशांति और अराजकता को अमेरिकी हस्तक्षेप का परिणाम बताया और कहा कि पेंटागॉन के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को घोषणा की है कि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय सीरियाई विद्रोहियों के प्रशिक्षण को समाप्त करना चाहता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी अधिकारियों का यह बयान इस बात का सूचक है कि सीरिया में एक शक्ति उत्पन्न करने हेतु 500 मिलियन डालर की अमेरिकी योजना विफल हो गयी है।

अमेरिका के रक्षामंत्री एश्टन कार्टर ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वाशिंगटन सीरियाई विद्रोहियों के प्रशिक्षण की योजना में पुनर्विचार करेगा और उसके स्थान पर सीरिया में मौजूद लड़ाकों और पुराने व अनुभवी नेताओं की सहायता करेगा।

अमेरिकी अधिकारियों ने इससे पहले बल देकर कहा था कि वाशिंग्टन अलग से लड़ाकों को मज़बूत करने के स्थान पर कुर्द मूल के सैनिकों और दूसरों गुटों की सहायता करेगा।