नई दिल्ली। क्या मनुस्मृति ईरानी को डांटने की हिम्मत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में नहीं है?
ऐसी कोई सूचना हमारे पास तो नहीं है लेकिन वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल को लगता है कि "मनुस्मृति ईरानी के नेतृत्व में आरएसएस का ब्राह्मणवाद दहाड़ मार रहा है। नरेंद्र मोदी बिल्ली की तरह मिमिया रहे हैं। एक बार मनुस्मृति ईरानी को डांटने की हिम्मत नरेंद्र मोदी में नहीं है।"
दरअसल दिलीप मंडल ने यूजीसी के एक नोटिफिकेशन की प्रति फेसबुक पर शेयर करते हुए सूचना दी है कि केंद्र सरकार ने आदिवासी रिसर्च स्कॉलर्स को मिलने वाली स्कॉलरशिप रोक दी है.

दिलीप सी. मंडल का पूरा फेसबुक स्टेटस निम्नवत् है।
नरेंद्र मोदी सरकार का यह सबसे खतरनाक फैसला है....
...और हर न्यायप्रिय नागरिक और संस्था, संगठन को इसका विरोध करना चाहिए. केंद्र सरकार ने आदिवासी रिसर्च स्कॉलर्स को मिलने वाली स्कॉलरशिप रोक दी है. हर साल 667 एमफिल, पीएचडी स्कॉलर्स को यह फेलोशिप मिलती रही है. इस साल जारी यूजीसी के नोटिफिकेशन में ST कैटेगरी को हटा दिया गया है. नोटिस का 6 नंबर देखिए. यूजीसी की वेबसाइट पर भी यह मौजूद है.
बहाना यह बनाया जा रहा है कि आदिवासी मामलों के मंत्रालय के पास पैसा नहीं है. इसलिए आदिवासियों को फेलोशिप नहीं दी जा सकती
.फिलहाल SC, OBC और माइनॉरिटी की फेलोशिप नहीं रोकी गई है. लेकिन सरकार की नीयत खराब है. कल किसी और की बारी आएगी. नॉन नेट फेलोशिप पर सरकार की नीयत पहले से बुरी है.

ST की फेलोशिप रोकने का विरोध एकजुट होकर करना चाहिए.
यह राष्ट्रीय मुद्दा है.
मनुस्मृति ईरानी के नेतृत्व में RSS का ब्राह्मणवाद दहाड़ मार रहा है. नरेंद्र मोदी बिल्ली की तरह मिमिया रहे हैं. एक बार मनुस्मृति ईरानी को डांटने की हिम्मत नरेंद्र मोदी में नहीं है.