दीदी को खबर हो गयी कि वनगांव में मुकुल रॉय ने केसरिया कमल खिला दिया है
कोलकाता। सारे बंगाल के लोग सारे मुद्दे भूलकर इस सवाल के मुखातिब हैं कि दीदी का क्या होने जा रहा है, क्योंकि कल शाम ही सांध्य दैनिक सत्यजुग ने दावा कर दिया कि अब दीदी की गिरफ्तारी की हरी झंडी सीबीआई को मिल चुकी है दिल्ली से उधर खबर है कि दीदी को खबर हो गयी कि वनगांव में मुकुल रॉय ने केसरिया कमल खिला दिया है।
मुकुल राय ने साफ कर दिया कि दीदी की नहीं है उनकी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस का रजिस्ट्रेशन मुकुल राय के नाम है।
एबीपी आनंद चैनल पर चली बहस के अनुसार दीदी के कांग्रेस से बहिष्कृत होने से पहले मुकुल राय ने निजी हैसियत से नय़ी पार्टी तृणमूल कांग्रेस बनाने की अर्जी दी थी और उसी अर्जी मुताबिक मां माटी मानुष की यह पार्टी बनी।
कांग्रेस से बहिष्कृत होने के बाद अपनी संसदीय कुर्सी सुरक्षित हो जाने के बाद दीदी इस पार्टी की नेता बन गयीं। तब सांसद अजित पांजा ने बिना बहिष्कृत हुए दीदी के साथ होने का ऐलान जरूर कर दिया था। पार्टी संविधान में चैयरमैन नहीं हैं और सर्वसर्वा महासचिव है जो मुकुल रॉय हैं।
कल तक बंगाल में आकाश वाताश में एक ही गूंज थीः तुमि आमार, तोमाय भालोबासि।
आज हालत यह है कि हर कहीं एक ही यक्षप्रश्न तृणमूल तुमि कार।
हाईकोर्ट के वकील अरुणाभ घोष के मुताबिक किसी व्यक्ति की मिल्कियत नहीं हो सकती कोई पार्टी। बहरहाल मालिकाना के परस्परविरोधी दावे से तत्काल चुनाव चिन्ह फ्रीज हो सकता है।
वनगांव में वोटिंग के वक्त खामोशी रही जबर्दस्त। बड़ोमां गुपचुप वोट डाल आयी और बड़ी कोई हिंसा की वारदात नहीं हुई।
मुकुल रॉय मध्यग्राम में बइठे रहे और उनके तमाम सेनानी वनगांव में घूमते रहे।
आम जनता समझ रही थी कि तृणमूल को वाकओवर मिल गया।
अगले ही दिन मुकुल रॉय के डैने छंट गये और आज मुकुलबाबू का जवाबी हमला।
दीदी ने बहरहाल संदिग्ध दिनेश त्रिवेदी समेत सभी संदेहजनक दल तोड़ुओं को रेवड़ियां इफारत बांट दी हैं लेकिन अब मंजर जो है सो तृणमूल दो फाड़ है।
खबर है कि दीदी को खबर हो गयी कि वनगांव में मुकुल रॉय ने केसरिया कमल खिला दिया है।
बंगाल के सारे पेट, सारे दिल और सारे दिमाग तितलियों से बेदखल है, जैसे बेदखल है पूरा भारत शत प्रतिशत हिंदुत्व से और जैसा हमने लिखा भी है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और अन्ना के सत्याग्रह से लेकिन नरमेधी अश्वमेध घोड़े के खुरों में बंधी तलवारों की खून की प्यास मिटेंगी नहीं और दिल्ली की हुकूमतपर डाउ कैमिकल्स काबिज है।
पलाश विश्वास