माकपा ने की अजय चंद्राकर को हटाने की मांग.
मूलतः संघ-भाजपा का दर्शन ही महिला विरोधी है. इसलिए ऐसे तत्व शासन-प्रशासन में काबिज़ है और इनसे न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती.
रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री अजय चंद्राकर को उनके पद से हटाने की मांग की है. पार्टी ने कहा है कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को मंत्रिमंडल में बने रहने की इजाज़त नहीं दी जा सकती, जिस पर महिला अफसरों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप हो.
आज यहाँ जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि देश में यौन उत्पीड़न के मामले में छत्तीसगढ़ शीर्ष पर है. यहाँ हर साल लगभग यौन उत्पीडन के 6000 मामले दर्ज होते हैं. यह सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा पर कारगर तरीके से रोक लगाए. लेकिन यदि राज्य का एक मंत्री ही ऐसे आरोप से घिरा हो, तो महिला विरोधी तत्वों को बढ़ावा ही मिलता है.
माकपा नेता ने कहा कि जो घटना प्रकाश में आई है, वह किसी एकल महिला के खिलाफ दुर्व्यहार का मामला नहीं है, बल्कि कई महिलाओं के साथ सामूहिक दुर्व्यवहार का और इसके खिलाफ हुई शिकायत पर इसे दबाने का मामला है. इसलिए इसकी विश्वसनीयता संदेह से परे है. इसलिए नैतिकता का तकाज़ा यही है कि मंत्री को अपने पद से हटाया जाए और उनके खिलाफ मुक़दमा कायम किया जाए.
पराते ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री कि चुप्पी की भी तीखी आलोचना की है. उनहोंने कहा कि मूलतः संघ-भाजपा का दर्शन ही महिला विरोधी है. इसलिए ऐसे तत्व शासन-प्रशासन में काबिज़ है और इनसे न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती. हाई कोर्ट और राष्ट्रीय महिला आयोग को इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि विशाखा कमिटी की गाइड लाइन के अनुसार इस मंत्री के खिलाफ जांच और कार्यवाही हो.