रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आज भाजपा की रमन सरकार से सीधा सवाल किया है कि यदि भाटापारा जिले में सूखा नहीं है, तो वहां किसान आत्महत्या क्यों हो रही है?
पार्टी ने पूरे प्रदेश की सभी तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित कर व्यापक पैमाने पर कदम उठाने की मांग की है.
आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा कि जो सरकार आज तक एनसीआरबी द्वारा जारी किसान आत्महत्याओं को नकारती रही है, उस सरकार के राज में भुखमरी और आत्महत्या से किसान मौतों के समाचार लगातार आ रहे हैं. यह छत्तीसगढ़ में गहराते कृषि संकट की ओर ही ईशारा करता है, जिसकी अनदेखी ये सरकार कर रही है. यदि इस वर्ष की शुरूआत से ही मनरेगा का काम बड़े पैमाने पर चलाया जाता और राशन दुकानों से सभी को अनाज सुलभ कराया जाता, तो इन दुर्भाग्यपूर्ण मौतों को रोका जा सकता था.
पराते ने आरोप लगाया कि रमन सरकार किसानों की मौतों पर मुआवजा बांटने में भी भेदभाव बरत रही है. अपने क्षेत्र के एक किसान परिवार को तो उसने दो लाख रुपयों का मुआवजा दिया है, लेकिन बाकी मौतों के प्रति वह संवेदनहींन बनी हुई है. उन्होंने व्यंग्य किया है कि क्या बाकी जगह किसानों के बजाए भूत मर रहे है? माकपा नेता ने हर किसान की मौत पर 10 लाख रूपये मुआवजा देने तथा सभी गरीब किसानों को बैंक व महाजनी कर्जे से मुक्त करने हेतु कदम उठाने की मांग की है.