मायावती और अखिलेश सरकार को झुलसा देगी खालिद की हत्या की आँच
मायावती और अखिलेश सरकार को झुलसा देगी खालिद की हत्या की आँच
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सिलसिलेवार बम धमाकों के एक अभियुक्त खालिद मुजाहिद की हत्या की आँच पूर्व मुख्यमन्त्री मायावती और अखिलेश सरकार तक पहुँचेगी। खालिद मुजाहिद की कथित हत्या के मामले में 42 पुलिस वालों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
आज बाराबंकी में खालिद मुजाहिद के शव का पोस्टमार्टम हो गया। खालिद मुजाहिद के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि मुजाहिद के परिवार ने आज 42 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जो स्पेशल टास्क फोर्स और एंटी टेरर स्क्वाइड से जुड़े थे और जिन्होंने मुजाहिद को गिरफ्तार किया था। जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, उनमें मायावती के खासमखास कुर्क अमीन रहे पूर्व पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह और डीजी (ट्रेनिंग) बृज लाल भी शामिल हैं। शिकायत में कहा गया है कि पुलिस ने साजिश के तहत मुजाहिद को धमाकों के मामले में फँसाया और अब उसकी मौत के लिये भी यही लोग जिम्मेदार हैं।
अपुष्ट सूत्रों के अनुसार खालिद के परिवार की माँग पर उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जाँच सीबीआई को सौंपने की सिफ़ारिश की है।
रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव ने बताया कि खालिद जब पेशी पर आया था तो कुर्ता पाजामा और टोपी में था जबकि शव का पंचायतनामा और पोस्टमार्टम किया गया तो वह टीशर्ट और लोअर में था। उन्होंने बताया कि खालिद के मुँह, नाक और कान से खून आने के निशान थे।
राजीव यादव ने कहा कि जब तक मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव नहीं आयेंगे तब तक शव दफनाया नहीं जायेगा। उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार खालिद को निर्दोष मान ही रही है तो उसके दफन में शामिल होने से कैसे बच सकता है सपा नेतृत्व।
रणधीर सिंह सुमन एडवोकेट ने हस्तक्षेप से कहा कि मायावती सरकार ने खालिद की फर्जी गिरफ्तारी करायी और अखिलेश सरकार ने दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने के लिये उसकी हत्या करा दी।


