मार्शल कौमों से दूर रहेंगे मूल ओबीसी
मार्शल कौमों से दूर रहेंगे मूल ओबीसी
वंचित सामाजिक संगठनों ने लिया राजनैतिक मंच पर एक होने का निर्णय
जयपुर, 19 मई 2016- अखिल अनुसूचित जाति समन्वय परिषद् व राजस्थान प्रदेश अन्य पिछड़ा वर्ग (महापंचायत) के संयुक्त तत्वाधान में आर.के आकोदिया (सेवानिवृत आरएचजेएस) पूर्व सदस्य मानव अधिकार आयोग की अध्यक्षता में सम्पन्न मीटिंग में आजादी के बाद से आज तक 70 वर्षो के हालात पर चर्चा-परिचर्चा की गई।
बैठक में गरीब और गरीब क्यों? अमीर और अमीर क्यों? पर चर्चा की गई। साथ ही आज इन वर्गों के नेतृत्व को इन सत्ताधारी पार्टीयों ने क्यों नही पनपा या क्यों नही पनपने दिया, पर चर्चा हुई। इसलिए देश की आजादी से पहले जब अनुसूचित जाति/जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग नामक जातियां नही थी मात्र दबे-कुचले लोग ही कहलाये जाते थे।
वक्ताओं ने कहा उस समय गुलाम भारत में दबे-कुचले लोगों में खाती, कुम्हार, नाई, सुथार, रैगर, बलाई, मेघवाल, रावणा राजपूत, आदिवासी, ढ़ोली, नट, राणा, बावरी, माली, सरगरा, बाल्मिकी आदि समाज थे, जो मिलजुल कर दुख-दर्द में साथ रहते थे। परन्तु आजादी के बाद तथाकतिथ स्वार्थी लोगों व वोटों के खातिर इन वगों को भंयकर बांट दिया, जो आज ये वंचित वर्ग आजादी के 7 दशक बाद भी चौराहे पर खड़े होकर उन समाजों स्वार्थी लोगों व पार्टियों की तरफ देख रहे हैं और विचार कर रहे हैं कि इनके जुल्मों से सामना करने के लिए अब हम कहां जाएं?
ऐसी स्थिति व परिस्थितियों पर गहन विचार के बाद इन वर्गों के लोगों ने आजादी से पूर्व की भान्ति एवं चालाक च स्वार्थी लोगों व पार्टियों को तिलान्जलि देकर समय को ध्यान में रखकर एक साथ रहने चलने, दुख दर्द में साथ रहने का संकल्प लिया और इन वर्गों को यूज एण्ड थ्रो एवं मार्शल कौमों से दूर रहने का भी संकल्प लिया। सभी वंचित व मूल ओबीसी के नेताओं/अध्यक्षों ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमकों ये पार्टियां एवं स्वार्थी लोगों ने मात्र वोट देने की मशीन समझ रखा है अब वो लोग हमें वोट की मशीन नहीं समझें। जातीय जनसंख्या अनुपात में सत्ता व सरकार में भागीदारी होगी और जो भी पार्टी हमारी शर्तों के साथ चलेगी उसी से गठबंधन की बात करेंगे एवं सभी ने एक साथ एक आवाज में चलने का निर्णय लिया।
इस अवसर पर गोपाल डेनवाल, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, अखिल अनुसूचित जाति समन्वय परिषद् नई-दिल्ली, राजस्थान प्रदेश अन्य पिछड़ा वर्ग महापंचायत व अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह रावणा, राजस्थान प्रदेश सर्व कुमावत महासभा के अध्यक्ष आर.सी. कुमावत, जांगीड़ महासभा के कैलाश जांगीड़, डा. ओ.पी. योगी अध्यक्ष नाथ समाज, त्रिलोक चन्द सोनी सोनी समाज, अब्दुल लतीफ आर.को. अध्यक्ष मन्सूरी समाज, श्री डी.सी. भाटी, मनीष देवन्दा प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान मेघवंश बलाई महासभा, झाबर सिंह प्रदेश अध्यक्ष हरफुल सिंह कार्यकारी अध्यक्ष राजस्थान मेघवाल समाज, अनुसूचित जाति आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष श्री जी.एल. कालोया सेवानिवृत न्यायाधीश, श्री पी.एम.जलुथरिया (से.नि. आरएचजेएस) पूर्व न्यायाधीश, घनश्याम बृजवासी वरिष्ठ अधिवक्ता राजस्थान उच्च न्यायालय प्रदेश अध्यक्ष जाटव महासभा, जे.पी. बैरवा प्रदेशाध्यक्ष अखिल अनुसूचित जाति समन्वय परिषद् राजस्थान, पवन बहुजन प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान प्रदेश अम्बेडकर सेना, गोर्वधन लाल सूबेदार प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान प्रदेश मेघ सेना, नवरतन गुसाईवाल महामंत्री परिषद व महामंत्री रेगर युवा महासभा, हरी कृष्ण खत्री बसीठा धोबी समाज एवं जयपुर महानगर अध्यक्ष अखिल अनुसूचित जाति समन्वय परिषद् गुलाब चन्द कोली कोली समाज करोली, जीवन दीपक दातोनिया महामंत्री रैगर युवा परिषद दौसा, राधा मोहन सैनी माली समाज जयपुर, प्रदेश अध्यक्ष भील समाज नारू लाल भील भीलवाड़ा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
यह जानकारी एक विज्ञप्ति में दी गई।


