साथी,

हमारा देश अभी-अभी एक ऐसे आम चुनाव से होकर गुज़रा है जो कई मायनों में पिछले सभी चुनावों से अलहदा था . पैसों के खेल से लेकर मंगढ़न्तों के प्रसार तक, सब कुछ पहले के मुकाबले कहीं बड़े पैमाने पर देखा गया . यह मानने के भी पर्याप्त कारण हैं कि इस मामले में अंतर सिर्फ़ पैमाने का नहीं, प्रकृति का भी था . अब, जबकि नतीजों के आने के बाद पूर्ण बहुमत से एक नयी सरकार केंद्र में स्थापित हो चुकी है, यह ज़रूरी लगता है कि चुनाव और उसके बाद के हालात पर अलग अलग कोणों से गंभीर चर्चा हो, जो कि हो भी रही है . इस सन्दर्भ में जनवादी लेखक संघ मीडिया की भूमिका को लेकर एक परिचर्चा/संवाद आयोजित कर रहा है . उम्मीद है, आप इसे उपयोगी पायेंगे और अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे . कार्यक्रम इस प्रकार है:
विषय
मीडिया-चरित
2014 के आम चुनाव और उसके बाद
जगह
गांधी शांति प्रतिष्ठान, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग
तारीख़
14 जून, 2014
समय
शाम 5.00 – 8.00

वक्ता
इब्बार रब्बी | असग़र वजाहत | तुलसीराम | मैत्रेयी पुष्पा | मंगलेश डबराल | असद ज़ैदी | पंकज सिंह | मनमोहन | जवरीमल्ल पारख | नीना व्यास | अभय कुमार दुबे | आनंद प्रधान | मुकेश कुमार | विनीत कुमार

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