मुलायम सिंह यादव के अपमान से आहत समाजवादी सोच के लेखक अरविन्द विद्रोही सक्रिय राजनीति में कूदे
लखनऊ, 02 जनवरी। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के अपमान से आहत समाजवादी सोच के पत्रकार व लेखक अरविन्द विद्रोही सक्रिय राजनीति में कूद गए हैं।

यह सूचना स्वयं अरविन्द विद्रोही ने अपनी फेसबुक टाइमलाइन पर दी है। दूरभाष पर भी उन्होंने इसकी पुष्टि की है।

दूरभाष पर श्री विद्रोही ने कहा कि नेताजी का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,चाहे अमान करने वाला कोई भी क्यों न हो।

अरविन्द विद्रोही की फेसबुक पोस्ट निम्नवत् है -

सुप्रभात मित्रों एवं मित्राणियों ......

समाजवादी पार्टी के मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव के स्वाभिमान से कोई भी खिलवाड़ नही कर सकता। हाँ विगत दिनों ऐसा करने की कुचेष्टा हुई है। सपा मुखिया के खिलाफ रचे गए दुष्चक्र की पूरी कहानी सभी के सामने आ ही गई है अब कुछ भी छिपा नही रहा।

राजनीति में यह गिरावट भरा घटित कुकृत्य चेहरे के पीछे चेहरे को बेनकाब कर चुका है। आज समाजवादी पार्टी और आंदोलन के सर्वाधिक बड़े नेता जो संघर्ष की उपज है उसके वजूद पर प्रश्न चिन्ह लगाने की कुत्सित चेष्टा उसके द्वारा आगे बढ़ाये गए तमाम नेता कर चुके हैं।

जिनको राजनीति का ककहरा नेता जी ने पढ़ाया, जिनको स्थापित किया, जिनको राजनैतिक पदों प्रतिष्ठा से नवाजा उनमें से ही तमाम स्वार्थी, मौकापरस्त नेताओं ने षड्यंत्र रचा और नेता जी के निर्देशों - आदेशों की अवहेलना - अवमानना की है।

मैं डॉ राम मनोहर लोहिया का अनुयायी हूँ, एक समाजवादी हूँ पिछले एक दशक से सक्रिय राजनीति से पृथक रहकर सिर्फ लेखन और सामाजिक कार्यों को करता रहा। लेकिन पिछले करीब 5 महीनों से ह्रदय अशांत था। मुझे आभास था कि सपा मुखिया और समाजवादी पार्टी के साथ विश्वासघात हो सकता है। चिंतित था अपनी चिंता व्यक्त भी कर चुका था कई वरिष्ठ समाजवादियों से और कुछ मंत्रियों लेकिन मुझे यह तनिक आभास नहीं था कि सत्ता सुख ले रहे नेता अपने अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए इस कदर गिर जायेंगे कि आखिरकार नेता जी के ही मान मर्दन का सार्वजानिक आयोजन, घोषणा कर देंगे।

अब इनको जो करना था वो कर चुके ....मेरी सुनिए, पढ़िए ...

मैं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव जी के साथ था, हूँ और रहूँगा। नेता जी के निर्देश की प्रतीक्षा में व्यक्तिगत रूप से हूँ मैं अब .. करीब एक पखवारा पूर्व ही मैंने मा नेता जी को आश्वस्त किया था कि अगर आपको लगे कि मुझे पुनः सक्रिय राजनीति में आना चाहिए तो मैं अब तैयार हूँ और अब मैं लेखन के साथ साथ राजनैतिक रूप से सक्रिय हूँ ....

समाजवादी साथियों — एक बार पुनः वो वक़्त आ गया है जब संघर्ष करने वाले समाजवादियों को समाजवादी आंदोलन के प्रतीक, डॉ लोहिया के विचारों के ध्वजवाहक धरतीपुत्र श्री मुलायम सिंह यादव के साथ खड़ा होना चाहिए। हमको नेता जी के हर निर्देश को मानना पड़ेगा और उनके द्वारा बुलाये गए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी।

आइये, संघर्ष के बुते समाजवादी सिद्धान्तों की डोर मजबूती से पकड़ कर राजनीति में अपना मुकाम हासिल करने वाले धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव के वजूद और जनता, समाजवादियों के मध्य उनकी पकड़ को प्रदर्शित करने के लिए घर से निकलते हैं और पहुँचते हैं हम अपने अभिभावक पिता तुल्य श्री मुलायम सिंह यादव के बुलाने पर जब कभी वो हमें बुलायें ......

असल समाजवादी सत्ता नही संघर्ष के मार्ग को चयनित करता है।

मैं नेता जी के साथ था, हूँ और रहूँगा।

— अरविन्द विद्रोही

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