मृत्यु प्रदेश की दुर्दशा बदलने के लिए नीतियों का विकल्प चाहिए
मृत्यु प्रदेश की दुर्दशा बदलने के लिए नीतियों का विकल्प चाहिए
वाम दलों की भोपाल में प्रभावी रैली
भोपाल। भाजपा राज को अब तक का सबसे भ्रष्ट राज तथा अब तक के सबसे बड़े घोटाले व्यापमं को भ्रष्टाचार की विराट कालिख पुती कोठरी का छोटा सा हिस्सा बताते हुए वाम दलों ने कहा है कि निराश्रित पेंशन, छात्रवृत्ति, दवा, चारा, मनरेगा और रेत सहित खदानों के घोटाले अभूतपूर्व राशि की चोरी है। प्रदेश के सर्वोच्च नेतृत्व की इनमें भागीदारी है। मगर उन्हें बचाने की हर संभव साजिशें रची जा रही हैं।
आज राजधानी भोपाल में मध्यप्रदेश के चार वामपंथी दलों द्वारा आयोजित एक प्रभावी रैली में वक्ताओं ने भाजपा और कांग्रेस को निशाने पर लिया। इक़बाल मैदान में हुयी सभा को माकपा, भाकपा, एसयूसीआई सी तथा भाकपा (माले) लिबरेशन के राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक नेताओं ने संबोधित किया।
सभी वक्ताओं ने प्रदेश की जनता की बुरी हालात के अनगिनत उदाहरण रखते हुए कहा कि 10-10 साल मिलबाँटकर राज करने वाली दोनों पार्टियों की भ्रष्ट और जनविरोधी नीतियों ने भूख, बेकारी, नारी उत्पीड़न, भ्रष्टाचार, आदिवासियों की बेदखली, जमीन की लूट, महंगार्इ के मामले में मप्र को शीर्ष पर पहुंचा दिया है।
पेयजल, स्वास्थ्य, बिजली और आवास तक आम जन के हाथ से छिन से गए हैं। किसानों को आत्महत्या की कगार पर तथा मजदूरों को बंधुआ गुलामी की दशा में पहुंचा दिया गया है। शिक्षा इतनी महंगी हो गयी है कि अब कोई वराह मिहिर, भवभूति या बरकतउल्ला या डॉ. आंबेडकर अब इस प्रदेश में नहीं पढ़ बन सकता।
केन्द्र की मोदी सरकार के कामकाज की भी आलोचनात्मक समीक्षा बैठ में रखी गयी। वक्ताओं ने कहा कि तथाकथित अच्छे दिन सिर्फ कार्पोरेट घरानों और अमरीका के आये हैं - जनता की स्थिति और अधिक खराब ही हुयी है। मंहगाई कल्पनातीत तेजी से बढ़ी है - देश को अनेकता की ओर धकेलने की क्षुद्र राजनीति आग की तरह फ़ैली है।
वक्ताओं ने साम्प्रदायिकीकरण की आक्रामक मुहिम का असली चेहरा उजागर करते हुये कहा कि कारपोरेट की लूट को आसान बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से साम्प्रदायिकता भड़काई जा रही है। जनता से सजग होकर इसका मुकाबला करने की अपील की गयी।
सभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर प.बंगाल में जारी हिंसा तथा मप्र में लोकतंत्र के क्षरण, अध्यापकों के दमन के विरुध्द 14 अक्टूबर को प्रदेशव्यापी विरोध दिवस मनाने का आव्हान किया।
विस्थापन के विरुद्ध व्यापक भागीदारी वाले 27 अक्टूबर के राज्य स्तरीय सम्मेलन का समर्थन किया।
सभा में सीपीआई के पूर्व सांसद अजीज पाशा, माकपा केंद्रीय समिति सदस्य बादल सरोज, एसयूसीआई सी केंद्रीय समिति सदस्य सत्यवान, भाकपा माले के देवेन्द्र सिंह चौहान के अलावा अरविंद श्रीवास्तव (सीपीआई), प्रताप सामल (एसयूसीआई सी), श्रीमती संध्या शैली (सीपीआई एम) तथा विनोद रावत सीपीआई माले भी बोले।
अध्यक्षता जसविंदर सिंह, हरिद्वार सिंह, जे सी बरई, सुश्री सूरज रेखा त्रिपाठी ने की।


