मोदी की ट्रोल वाहिनी : इंटरनेट के जनक ने कहा मैंने दानव पैदा कर दिया

इंटरनेट के जनक की आज की चिंता

अरुण माहेश्वरी

1989 में सोवियत समाजवाद का पराभव हुआ और इसी वर्ष अमेरिका की एमआईटी में इंटरनेट के जनक कहलाने वाले टिम बर्नर्स ली ने वेब का आविष्कार किया। सोवियत समाजवाद के विकल्प की नींव न सिर्फ धरती पर बल्कि आसमान में भी रखी।

आज ली ही कह रहे हैं - मैंने एक दानव पैदा कर दिया। मेरी धारणा थी कि सूचनाओं का जितना व्यापक प्रसार होगा, दुनिया में समानता और न्याय का प्रसार होगा। लेकिन आज इस पूरे तंत्र का प्रयोग जिस प्रकार झूठे और संगठित प्रचार से मनुष्यों के मस्तिष्क पर एकाधिकार कायम करने के लिये हो रहा है, मैं हतप्रभ और निराश हूं। टिम बर्नर्स ली फेसबुक, ट्वीटर और कैंब्रिज एनालिटिका की तरह की कंपनियों के द्वारा पूरे इंटरनेट के दुरुपयोग का जिक्र कर रहे थे।

हफ्ता भर भी नहीं हुआ है, भारत में शासक दल बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह खुली सभा में अपने कार्यकर्ताओं को कह रहे थे कि राजनीतिक संकीर्ण स्वार्थों के लिये झूठे और गंदे प्रचार का धड़ल्ले से प्रयोग करो। उनके इस भाषण का वीडियो आज वायरल है। यह एक ठोस प्रमाण है कि कैसे इस पूरे वेब जगत पर जघन्य अपराधियों ने कब्जा कर लिया है। मोदी ने तो बीजेपी की एक पूरी ट्रौल वाहिनी अर्थात ऑनलाइन गुंडों की एक पूरी हत्यारी फौज तैयार की है जिसका एक ही काम है - सत्य की हत्या के नित नये व्यूहों की रचना करो।

कुल मिला कर अब इतना तो साफ है कि धन नहीं, मूल प्रश्न है सामाजिक संबंधों का। समाजवाद इसी सवाल का एक माकूल समाधान है। इसके सोवियत स्वरूप में स्वातंत्र्य की कमियों का स्वतंत्रता-विरोधी अमानुषिक शक्तियों ने भरपूर लाभ उठाया है। समानता और न्याय बिना स्वतंत्रता के योग के एक असंभव कल्पना है।

बर्नर्स ली अभी ऐसी तकनीक को तैयार करने पर लगे हुए हैं, जिसमें हर व्यक्ति का अपनी सूचनाओं पर अपना पूर्ण नियंत्रण होगा। अन्य कोई उसमें हस्तक्षेप नहीं कर पायेगा। हम उनकी सफलता की कामना करते हैं।

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