नई दिल्ली,26 अक्टूबर। जनता दल (यू) नेता व राज्यसभा सदस्य शरद यादव भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैंक खातों व कल्याणकारी योजनाओं को आधार से जोड़ने की अनिवार्यता की स्कीम के विरोध में खुलकर सामने आ गए।

श्री यादव ने कल यहां संवाददाताओं को बताया कि लंबे समय से बीमार चल रहे जार्ज फर्नांडीज अपनी पहचान साबित करने के लिये अंगूठा तक लगा पाने में समक्ष नहीं हैं। ऐसे में उनके बैंक खाते को आधार से जोड़ पाना मुमकिन नहीं हो पाने के कारण उनकी पत्नी लैला फर्नांडीज को हर तरफ गुहार लगानी पड़ रही है।

जद(यू) नेता ने बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों की परेशानी का हवाला देते हुये केन्द्र सरकार से बैंक खातों से लेकर मोबाइल फोन तक को आधार से लिंक करने की अनिवार्यता को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया मुहिम के कारण खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल उन 70 फीसदी लाभार्थी परिवारों की गुजर बसर पर बुरा असर पड़ा है जो सूचना एवं संचार क्रांति से बिल्कुल अलग-थलग हैं।

श्री यादव ने कहा कि देश में ऐसे लोगों की अधिसंख्य आबादी गरीबों के कल्याण की योजनाओं का लाभ लेने के लिये अपने बैंक खाते खुलवाने या इन खातों को आधार से लिंक कराने की कतारों में लगी हुई है। इससे फर्नांडीज जैसे करोड़ों पेंशनभोगी बुजुर्ग, विधवाओं और बीमार लोगों की परेशानी अकारण ही बढ़ गयी है।

उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ 27 अक्तूबर को मुंबई में साझा विरासत बचाओ सम्मेलन आयोजित किया गया है, इसमें कांग्रेस, सपा, वामदल, राजद और राकांपा सहित अन्य विपक्षी दलों के नेता शिरकत कर विपक्ष की एकता को मजबूत करेंगे।

गुजरात चुनाव के बारे में यादव ने कहा कि जदयू विधानसभा चुनाव में वोटों के बिखराव को रोकने में कांग्रेस की हरसंभव मदद करेगी। राज्यसभा की अपनी सदस्यता पर मंडराते खतरे के सवाल पर यादव ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय ने उन्हें अपना पक्ष रखने के लिये आठ नवंबर तक का अंतिम मौका दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस समयसीमा में अपना जवाब दाखिल कर देंगे।