मोदी जी आप जोशी जी को निकाल देंगे लेकिन पण्डे पकड़ लेंगे
मोदी जी आप जोशी जी को निकाल देंगे लेकिन पण्डे पकड़ लेंगे
महेश राठी
मोदी जी को जाना था बनारस लेकिन पहुँच गये काशी...... जाना था गंगा मैया के पास, लेकिन चले गये पण्डों के पास !
गंगा सफाई के लिये जिस विशेषज्ञ का चयन किया देश भर से, वो पाँचवी फेल है, ... सो साथ भी नहीं लिया उमा जी भारती को ? जनता पूछने वाली थी कि एक बैठक में ही 50 लाख रुपया जनता का पैसा बहा दिया अफसरों के चँगुल से। उनकी योग्यता क्या सिवा इसके कि..... वो ओबीसी नेता हैं? आगामी दशक ओबीसी का है... क्या मोदीजी को ये “सिंह घोष” ये “सिंह घोष” वापिस नहीं लेना चाहिए? आरएसएस के प्रचारक का ये कहना कि जाति के आधार पर देश आगे बढ़ेगा, सैद्धांतिक रूप से उचित है ? उनमें सिर्फ धर्म की कमजोरी मानी जाती है, लेकिन योग्यता का अभाव गंगा का क्या कल्याण कर पायेगा? अयोग्यता की सफाई क्या जरूरी नहीं? सर्वोच्च न्यायालय कितने डंडे मरेगा तब जा के किसी योग्य को मंत्री बनायेंगे?
मोदीजी काला धन ऐसे जमा होता है तथा विदेश का लाके 5 लाख तो जब चाहे तब मेरे हिस्से का मेरे बैंक मे जमा करवा देना लेकिन तब तक देश मे जो है उसका तो कुछ इलाज़ कीजिये? मेरी पत्नी तो सवेरे उठ के रामदेवजी का योग करती है तथा उसको विश्वास है कि पंद्रह लाख रुपये तो जरूर आयेंगे।
गंगा को पुराने लोग आज भी आस्था तथा श्रद्धा का प्रतीक मानते हैं तथा मैंने देखा है कि मरते समय लोग एक बूँद गंगा जल की मुँह में डाल देते हैं, मोक्षदायिनी समझ के। लेकिन मोदीजी को स्वयं बिस्लेरी पीनी पड़ी गंगा घाट पे? लगता है गंगा बहुत गंदी हो चुकी है... हरिद्वार से काशी आते-आते!
प्रधानमंत्री जी देश में अनेकों नदियाँ हैं तथा सभी माँ की तरह मान्यता रखती हैं। नल के पानी से नहाते हुये भी लोग गंगा-जमना-सरस्वती बोलते हैं। क्या उनके लिये भी कुछ होगा सफाई का अभियान या सिर्फ एक ही गंगा काफी है ?
मेरे एक मित्र हे साम्यवादी विचारधारा के गुलाम जैसे ..... चतुर्वेदीजी...... बनारस के हैं तथा सवेरे घूमते हुये कभी समुन्दर के किनारे मिल जाते हैं। आज उन्होंने फोन किया कि काशी जा रहे हैं। मैंने पूछा कि क्यों ? बोले वहाँ पण्डिताई करूँगा बुढापे में ? लगता है पण्डित लोग सत्ता के साथ रहते हैं, चाहे मायावती जी हों या मोदीजी ! मोदी जी आप जोशी को निकाल देंगे लेकिन पण्डे पकड़ लेंगे।
देश को आधुनिकता की तरफ ले चलिये तथा पूजा पाठ निजी रखिये जैसे कोई भी रख सकता है। गंगा मुसलमानो की भी संस्कृतिक अम्मा है तथा वो बेहतर सफाई कर सकते हैं। उनकी नावों को भी सफाई अभियान का हिस्सा बनाया जाना ठीक।
गंगा सभी की है तथा सभी नदियाँ जहाँ हैं वहाँ की गंगा ही हैं।


