मोदी सरकार को जोर का झटका- हाईकोर्ट ने ग्रीनपीस के घरेलू बैंक खातों को खोलने का दिया आदेश
मोदी सरकार को जोर का झटका- हाईकोर्ट ने ग्रीनपीस के घरेलू बैंक खातों को खोलने का दिया आदेश
नई दिल्ली। 27 मई 2015। बड़े पूंजीपतियों की चाकरी में स्वयंसेवी संगठन ग्रीनपीस का गला घोंटने में लगी केंद्र सरकार को आज जोर का झटका लगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज गृह मंत्रालय को ग्रीनपीस इंडिया के दो घरेलू खातों पर से रोक हटाने का आदेश दिया, जिससे ग्रीनपीस इंडिया को फिर से चंदा लेने और अपने मौजूदा राशि के एक हिस्से को इस्तेमाल करने का अधिकार मिल गया है।
ग्रीनपीस इंडिया ने इस अस्थायी राहत का स्वागत करते हुए तुरंत ही अपने वायु प्रदुषण, जंगलों को बचाने और सोलर ऊर्जा पर अभियान को जारी रखने की घोषणा की है।
ग्रीनपीस के मुताबिक न्यायाधीश राजीव शकदर ने अपने आदेश में ग्रीनपीस इंडिया को अपने भारतीय दाताओं से नियमित चंदा प्राप्त करने की भी इजाजत दी है। साथ ही, संस्था के फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा भारतीय दाताओं द्वारा दी गयी राशि के इस्तेमाल की अनुमति दी है। दोनों राशि को मिलाने के बाद ग्रीनपीस इंडिया के पास जो जमा राशि होगी उसे अब संस्था अपने कामों के लिये इस्तेमाल कर पाएगा।
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ग्रीनपीस के कार्यकारी निदेशक समित आईच ने कहा, “हमें कोर्ट के इस फैसले से राहत मिली है। हम अब केस लड़ने के साथ ही अपने वायु प्रदूषण और छत पर सोलर ऊर्जा लगाने के अभियान को जारी रख सकते हैं। हमें विश्वास है कि गृह मंत्रालय न्यायालय के निर्णय का सम्मान करेगा और अब आगे इस तरह के मनमाने कार्रवाई नहीं करेगा”।
समित ने आगे कहा, “हम आशा करते हैं कि इससे हमारे और गृह मंत्रालय के रिश्ते में एक नयी शुरुआत होगी। मैं गृहमंत्री से मिलकर इस बात पर चर्चा करने के लिये तैयार हूं कि कैसे ग्रीनपीस इंडिया आने वाले सालों में देश के समावेशी विकास में अपनी भूमिका निभा सकता है”।
अदालत ने सरकार से फिक्सड डिपॉजिट के अलावा, विदेशी योगदान खातों में शेष अवरुद्ध धन के 25 प्रतिशत राशि को छोड़ने के लिये कहा है।
पिछले कुछ हफ्तों से ग्रीनपीस इंडिया को पूरे देश से समर्थन हासिल हो रहा है। ग्रीनपीस को हजारों नये समर्थक मिले हैं और इसके कर्मचारियों ने जरुरत होने पर एक महीने बिना वेतन काम करने की पेशकश की है। समित ने कहा कि इन्हीं वजहों से वो मानते हैं कि देश में संस्था का भविष्य अच्छा है।
समित ने बताया, “पिछले कुछ हफ्ते हमारे लिये कठिन थे फिर भी मैं ऐसे बहुत सारे लोगों का आभारी हूं जो हमारे स्वच्छ वायु, स्वच्छ पानी और अक्षय ऊर्जा अभियान के समर्थन में खड़े हुए। हमारा उद्देश्य कोर्ट में केस लड़ना नहीं है, बल्कि इस देश के स्वच्छ और सुन्दर भविष्य के लिये काम करना है”।


