Subhash Gatade’s new book 'Modinama : Issues That Did Not Matter'

नई दिल्ली, 14 जुलाई 2019. हाल ही में लेफ्टवर्ड (Leftword) ने वामपंथी
कार्यकर्ता और लेखक सुभाष गताडे की नई किताब “मोदीनामा: इश्यूज दैट डिड नॉट मैटर” (Subhash
Gatade’s new book 'Modinama : Issues That Did Not Matter') प्रकाशित
की है। पुस्तक शीघ्र ही हिंदी में भी उपलब्ध होगी।

मई 2019 में, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में
हिन्दुत्ववादी दक्षिणपंथी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी ने शानदार चुनावी
जीत हासिल की। जीत सामान्य ज्ञान को धता बताती थी - चुनाव में जीवन और आजीविका के
मुद्दे सुर्खियों में क्यों नहीं आए? हिंदुत्ववादियों
की ठगी के प्रति आम, सभ्य लोगों की विशाल संख्या के लिए जागरुकता क्यों असंभव थी? आज हमारे समाज में एक आक्रामक, मर्दाना
कट्टरवाद इतना सामान्य क्यों है?

दूसरे शब्दों में कहें तो चुनाव में वे मुद्दे क्यों नहीं थे,
जो
मायने रखते हैं? प्रश्न चुनावी
अंकगणित के बरक्स कहीं अधिक गहरा है। यह पूछता है कि क्या मोदी और भाजपा ने न केवल
चुनावी नक्शा बदल दिया है, बल्कि सामाजिक मानदंडों को भी बदलना
शुरू कर दिया है ?

प्रधान मंत्री के रूप में मोदी के पहले पांच वर्षों पर आधारित यह
पुस्तक, अगले पांच वर्षों के लिए एक चेतावनी है।

सुभाष गताडे के बारे में About SUBHASH GATADE

सुभाष गताडे एक वामपंथी कार्यकर्ता और लेखक हैं। वह चार्वाक के वारिस- Charvak ke Vaaris (हिंदी,
2018),
अंबेडकर
अनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ - Ambedkar ani
Rashtriya Swayamsevak Sangh (मराठी, 2016), गोडसेज़
चिल्ड्रेन : हिंदुत्व टेरर इन इंडिया- Godse’s Children: Hindutva Terror in India (2011) और सैफ्रन
कंडीशन (Saffron
Condition) (2011) के लेखक हैं। बच्चों के लिए उनके लेखन में पहाड से ऊंचा
आदमी - Pahad Se Uncha
Aadmi (2010) शामिल हैं।

लेफ्टवर्ड बुक्स, नई दिल्ली, 2019

अंग्रेजी भाषा

128 पेज, 5.5 x 8.5

मूल्य INR 195.00 बुक क्लब मूल्य INR 137.00