मोबाइल चोरी के नाम पर युवक को बिजली का शॉक देने वालों ने इंसानियत को किया शर्मसार- रिहाई मंच
मोबाइल चोरी के नाम पर युवक को बिजली का शॉक देने वालों ने इंसानियत को किया शर्मसार- रिहाई मंच
रिहाई मंच ने आज़मगढ़ के एक वीडियो से साम्प्रदायिकता भड़काने वाले मीडिया संस्थानों पर कार्रवाई की मांग की
लखनऊ/आज़मगढ़ 20 जुलाई 2017. रिहाई मंच ने कहा कि एक युवक को बिजली का शॉक देने का एक वीडियो इन दिनो सोशल मीडिया पर वायरल (Viral on social media,) है. मोबाइल चोरी (Mobile theft) के नाम पर कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो. मंच ने वीडियो के माध्यम से साम्प्रदायिकता भड़काने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग (Demand for action against those who instigated communalism through video) की है.
रिहाई मंच नेता मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि एक वीडियो, जिसे आज़मगढ़ के सरायमीर का बताया जा रहा है, को कई टीवी चैनलों व न्यूज़ पोर्टलों द्वारा सनसनीपूर्ण बनाते हुए साम्प्रदायिक रंग देकर प्रसारित किया गया व अभी भी किया जा रहा है। इसकी वजह से कई तरह की अफवाहें भी गश्त कर रही हैं। पुलिस अधिकारियों की तरफ से इस तरह का बयान आ चुका है कि घटना मोबाइल चोरी की है। वहीं एफआईआर में इसे राजनीतिक रंग देते हुए मोदी और योगी को गाली देने से शुरू होना कहा गया है। वीडियो देखने से साफ जाहिर होता है कि पीड़ित के साथ क्रूरतापूर्वक मारपीट की गई है और एक खाट में बांधकर करेंट देने का दृश्य दिख रहा है। घटना इंसानियत को शर्मशार कर दे रही है। अगर चोरी की घटना को भी सही मान लिया जाए तो इस प्रताड़ना को जायज़ नहीं ठहराया जा सकता।
उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां वायरल वीडियो से भी कई सवालों के जवाब पाना मुश्किल है और अफवाहों के चलते भी सही निष्कर्ष पर पहुंचना आसान नहीं है, वहीं इलेक्ट्रानिक मीडिया में इसे पूरी तरह साम्प्रदायिक रंग देकर पूर्व नियोजित संगठित अपराध के रूप में पेश किया जा रहा है। इसलिए आवश्यक हो जाता है कि सच्चाई जनता के सामने आए।
रिहाई मंच का एक प्रतिनिधि मंडल मंच नेता विनोद यादव और तारिक शफीक के नेतृत्व में दौरा करेगा.


