मोहन धारिया को सोशलिस्ट पार्टी की श्रद्धांजलि
मोहन धारिया को सोशलिस्ट पार्टी की श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। वयोवृद्ध समाजवादी नेता मोहन धारिया के निधन पर सोशलिस्ट पार्टी ने गहरे दुख का इजहार किया है।
पार्टी अध्यक्ष भाई वैद्य, उपाध्यक्ष बलवंत सिंह खेड़ा, महासचिव/प्रवक्ता डॉ. प्रेम सिंह, महासचिव ओंकार सिंह, पार्लियामेंटरी बोर्ड के चेयरमैन, पन्नालाल सुराणा, व एसवाईएस अध्यक्ष डॉ. अभिजीत वैद्य ने कहा कि मोहन धारिया प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और समर्पित समाजवादी थे। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था और जेल काटी थी। उन्होंने पश्चिमी तट की एक छोटी रियासत मुरुड जंजीरा के राजा के महल की ओर मार्च किया था और वहां लोकतांत्रिक शासन कायम करने में भूमिका निभाई थी। सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य के बतौर उन्होंने महाराष्ट्र में परिवहन मजदूरों को संगठित किया। वे समाजवादी विचारक अशोक मेहता, जिन्होंने ‘पिछड़ी अर्थव्यवस्था की बाध्यताएं’ का सिद्धांत प्रतिपादित किया, के आह्वान पर कांग्रेस में गए और वहां राज्यमंत्री बनाए गए। चंद्रशेखर, कृष्णकांत और रामधन के साथ उन्हें ‘यंग टर्क’ का विरुद मिला था। इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने का उन्होंने जोरदार विरोध किया और मंत्री पद व कांग्रेस छोड़ दी। उन्हें मीसा में बंद रखा गया। 1977 में वे जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा के लिए चुने गए और मोराजी देसाई सरकार में वाणिज्य मंत्री बनाए गए। चंद्रशेखर के अल्पकाल के लिए प्रधानमंत्री बनने पर उन्हें योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया।
अस्सी के दशक के मध्य में मोहन धारिया ने सक्रिय राजनीति छोड़ कर किसानों के लिए काम करना शुरू किया। उन्होंने 82 साल की उम्र में किसानों का कर्ज माफ करने की मांग को लेकर उपवास किया। ‘वनराई’ संस्था की स्थापना करके उन्होंने जंगल और उसके साथ पर्यावरण बचाने की मुहिम चलाई हुई थी। वे युवा समाजवादियों के संगठन राष्ट्र सेवा दल के कर्मठ कार्यकर्ता थे। साथ ही ‘साधना’ साप्ताहिक के ट्रस्टी भी थे।
सोशलिस्ट पार्टी ने उनके निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी है और उनके परिवार वालों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की है।


