यह सत्तावर्ग (संघ परिवार) बहुजनों को ब्राह्मण जाति का दुश्मन बना रहा है
यह सत्तावर्ग (संघ परिवार) बहुजनों को ब्राह्मण जाति का दुश्मन बना रहा है
हिंदू धर्म के हित में है कि अमेरिका बनने की अंधी दौड़ से बाज आयें
पलाश विश्वास
हिंदू धर्म के हित में है कि हम अमेरिका बनने की अंधी दौड़ से बाज आये वरना सत्ता वर्ग के ब्राह्मणवाद से ब्राह्मण जाति के खिलाफ जो अभूतपूर्व माहौल बन रहा है, वह बेहद खतरनाक है।
रोहित वेमुला के मामले में जैसे हत्यारों को बचाने की और मामला रफा-दफा करके केंद्रीय मंत्रिमंडल में सारे खास मंत्रालय सिर्फ ब्राह्मणों के हवाले करके बाकी लोगों को चिरकुट बना दिया गया है, उसके नतीजे भारत में दलित अस्मिता के अमेरिकी अश्वेत अस्मिता के आक्रामक तेवर की तरह उग्र हो जाने की पूरी आशंका है और फिर भारत में डलास जैसी घटना एकबार हो गयी तो होती ही रहेंगी।
बहुजन आंदोलन फिलहाल शांतिपूर्ण है और उसके अब निरंतर दमन की वजह से जिहादी बन जाने का भारी खतरा है।
ऐसा देर सवेर होना तय है। अंबेडकर भवन तोड़ने के खिलाफ जो गुस्सा है, उसका अंदाजा अभी सत्तावर्ग को नहीं है। तमाम राम के हनुमान बनने के बावजूद, जाति समीकरण के समरस राजकरणके बावजूद, बड़ी तादाद में बहुजनों की वानर सेना में तब्दील होने के बावजूद बहुजनों का असमता और अन्याय के खिलाफ गुस्सा अमेरिकी अश्वेतों के मुकाबले कम नहीं है और निरंतर दमन, वंचना, उत्पीड़न और नरसंहार की सत्ता संस्कृति की वजह से पीर पर्वत सी हो गयी है लोकिन अब कोई गंगा निकलने वाली नहीं है बल्कि हजारों खून की नदियां दसों दिशाओं में भीतर ही भीतर उमड़-घुमड़ रही हैं लेकिन हिंदुत्व के चश्मे से उसे देखना मुश्किल है।
खुलेआम आंदोलन चल रहा है कि ब्राह्मण विदेशी है
इस खतरे को जरा ठंडे दिमाग से सोचिये और सशल मीडिया को गौर से देखिये कि कैसे यह सत्तावर्ग का ब्राह्मणवाद बहुजनों को ब्राह्मण जाति का दुश्मन बना रहा है। खुलेआम आंदोलन चल रहा है कि ब्राह्मण विदेशी है और ब्राह्मणों को भारत से खदेड़ दिया जाये और यह कोई गोपनीय एजेंडा भी नहीं है। सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा पोस्ट ब्राह्मणों के खिलाफ हैं। लाइक और शेयर भी सबसे ज्यादा ऐसे पोस्ट हो रहे हैं। अश्वेतों की तरह बहुजन भी हिंसा पर आमादा हो गये तो न ब्राह्मणवाद बचेगा और न हिंदुत्व।
अमेरिका में जो हुआ उसकी वजह एकमात्र यही है अमेरिका और लातिन अमेरिका में जारी अश्वेतों के नरसंहार की निरंतरता।
रंगभेद का यह संकट जाति व्यवस्था के संकट की तरह है, इस पर गौर किये बिना हम अमेरिका और उसके पचास राज्यों में पक रही खिचड़ी का जायका ले नहीं सकते।


