यह सरकार नहीं, मसखरों की जमात है
यह सरकार नहीं, मसखरों की जमात है
यह सरकार नहीं, मसखरों की जमात है
रिजर्व बैंक आफ इंडिया के काउंटरों पर पुराने 1000 और 500 के नोट बदलने की समय सीमा 31 मार्च 2017 तक रखी थी लेकिन अब रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने पुराने नोट बदलने से इंकार कर दिया। सरकार रोज नई-नई घोषणाएं करती हैं और फिर मुकर जाती है।
नोटबंदी के कारण झारखंड में किसानों ने सब्जियों को जनता में मुफ्त बांट दिया, लेकिन मोदी मसखरी करने के अतिरिक्त कुछ नहीं कर रहे हैं।
मोदी किसी भी तरह से भारतीय संघ के प्रधानमंत्री की भूमिका में नजर नहीं आते हैं। छोटी-छोटी इकाइयों ने अपने उत्पादों का निर्माण बंद कर दिया है, जनता का रोजगार छीना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी घोषणा और झूठ का कारोबार कर रहे हैं।
प्रवासी भारतीयों के लिए नया एलान यह है कि वह 25 हजार रुपये से ज्यादा नहीं बदल सकते हैं। भूटान, बंग्लादेश, नेपाल सहित पड़ोसी मुल्कों में भी काफी भारतीय रूपये हैं, जिनके बारे में अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है।
मोदी जी चाय का हिसाब-किताब कैसे रखते होंगे उसका तो अल्लाह मालिक हो सकता है, लेकिन देश का हिसाब किताब रखने में पूर्णतः विफल रहे हैं। लेकिन उनके तनखैय्या लोग मोदी-मोदी चिल्ला रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था को दसियों साल पीछे ढकेल दिया है।


