युगांडा में भी अच्छे दिनों का कहर, राष्ट्रपति मूसवेनी बोले खाना बनाना एक आदमी का काम नहीं
युगांडा में भी अच्छे दिनों का कहर, राष्ट्रपति मूसवेनी बोले खाना बनाना एक आदमी का काम नहीं
युगांडा में भी अच्छे दिनों का कहर, राष्ट्रपति मूसवेनी बोले खाना बनाना एक आदमी का काम नहीं
Ugandan President Yoweri Museveni
नई दिल्ली, 08 नवंबर। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युगांडा की यात्रा पर गए थे और लगता है श्री मोदी थोड़े से “अच्छे दिन” युगांडा को भी दान कर आए हैं, तभी युगांडा के राष्ट्रपति अपने एक बयान के कारण सुर्खियों में है।
युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मूसवेनी फिलहाल अपने एक विवादित बयान के कारण युगांडावासियों के निशाने पर हैं। बीते सोमवार को मूसवेनी ने एक बयान में कहा था कि जब से उनकी शादी हुई है, उन्होंने रसोई में कदम नहीं रखा है और खाना बनाना एक आदमी का काम नहीं है।
बीते रविवार को उन्होंने एक बयान में कहा, "घर का मुखिया रसोईघर में कभी नहीं जाता है। अब मामा जेनेट के साथ मुझे 45 साल हो गए हैं, मैंने कभी रसोईघर में कदम नहीं रखा है। राष्ट्रपति ने राजनेता और सिविल सेवकों को निर्धारित भूमिकाओं के साथ रहना चाहिए, पर प्रकाश डालते हुए यह बयान दिया।
पहले युगांडा के एक सांसद भारतीय वीरों की तरह बयान दे चुके हैं कि अपनी पत्नियों को अनुशासन में रखने के लिए पुरुषों को उन्हें (अपनी पत्नियों को) पीटना चाहिए। हालांकि बाद में विवाद होने पर सांसद, ओनेसमस ट्विनामासिको ने इस वक्तव्य पर माफी मांगते हुए युगांडा की संसद को एक पत्र में लिखा था कि वह वास्तव में "महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सभी रूपों को नफरत करते हैं"।
"कृपया मेरी सबसे ईमानदार और अनारक्षित माफी माननीय सदस्यों और आम जनता और अधिक विशेष रूप से महिलाएं स्वीकार करें।"
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सांसद, ओनेसमस ट्विनामासिको ने एक टीवी साक्षात्कार में अवांछित टिप्पणी की थी।
भारत और युगांडा के बीच संबंध
Relationship between India and Uganda
भारत और युगांडा ने रक्षा सहयोग के क्षेत्र, आधिकारिक और राजनयिक पासपोर्ट धारकों, सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम और भौतिक परीक्षण प्रयोगशाला के लिए वीज़ा छूट सहित चार एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
बीती 24 जुलाई 2018 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मूसवेनी के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद समझौते किए गए थे।
25 जुलाई 2018 को एक संयुक्त वक्तव्य में पीएम मोदी और राष्ट्रपति मूसवेनी ने युगांडा और भारत के बीच पारंपरिक रूप से गर्म और घनिष्ठ संबंधों को रेखांकित किया। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि द्विपक्षीय संबंधों की जबरदस्त क्षमता है और राजनीतिक, आर्थिक, वाणिज्यिक, रक्षा, तकनीकी, शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत करने की पारस्परिक इच्छा की पुष्टि की गई।
भारतीयों को पहली बार 100 साल पहले अंग्रेजों द्वारा मजदूरों के रूप में युगांडा लाया गया था। जल्द ही, इन भारतीयों ने अपने व्यवसाय स्थापित किए और भारतीय समुदाय ने संपन्न होना शुरू कर दिया। दशकों से, भारतीयों और अन्य एशियाई आप्रवासियों ने अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एबीसी.नेट की एक खबर के मुताबिक युगांडा के भारतीय समुदाय के सदस्य, जो देश की अर्थव्यवस्था पर हावी हैं, आधिकारिक तौर पर एक जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त करने की मांग कर रहे हैं।
बीबीसी की एक पुरानी खबर के मुताबिक युगांडा के पूर्व तानाशाह ईदी अमीन के समय में 80000 भारतीयों को देश निकाला दे दिया गया था।
बीबीसी की खबर के मुताबिक
“ युगांडा के मौजूदा राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी भारतीय और अफ्रीकी समुदायों के बीच दूरियां पाटने की कोशिश कर रहे हैं। 1986 में सत्ता में आने के बाद मुसेवेनी ने देश छोड़कर गए भारतीय समुदाय से युगांडा लौटने की अपील की. उन्होंने ईदी अमीन के दौर में ज़ब्त की गई भारतीय मूल के लोगों की पांच हज़ार से ज़्यादा संपत्तियां लौटा दीं।”
हाय-हाय रे मजबूरी ! युगांडा में मोदी को याद आए गांधी, अफ्रीका में 18 नए दूतावास खोलेगा भारत
Uganda : farmers to use app to identify fall armyworm
Prejudices against Africans in India
Topics - india uganda relations, indians in uganda, Members of Uganda's Indian community, world-politics, community-and-society, uganda, india, uganda is good place for job, uganda kampala,uganda capital city,uganda facts, ईदी अमीन का इतिहास, Idi Amin, Is Uganda a safe country?


