यूरोप में हर साल गर्मी से 1.75 लाख मौतें : 2024 में जलवायु संकट की स्थिति
2024 में, यूरोप में अत्यधिक गर्मी के कारण हर साल लगभग 1.75 लाख लोगों की मौत हो जाती है। WHO ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण यूरोप में तापमान वृद्धि (Temperatures rise in Europe) वैश्विक औसत से दोगुनी तेजी से हो रही है।

2024 में, यूरोप में अत्यधिक गर्मी के कारण हर साल लगभग 1.75 लाख लोगों की मौत हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण यूरोप में तापमान वृद्धि (Temperatures rise in Europe) वैश्विक औसत से दोगुनी तेजी से हो रही है। गर्मी के बढ़ते प्रभाव और स्वास्थ्य पर इसके असर को लेकर WHO और UN ने सुरक्षा उपायों को सख़्त बनाने की ज़रूरत की बात की है। इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र समाचार की ख़बर-
यूरोप में हर साल गर्मी से हो जाती हैं पौने दो लाख लोगों की मौतें
3 अगस्त 2024. यूरोप में हर वर्ष बेतहाशा गर्मी पड़ने से, लगभग एक लाख 75 हज़ार लोगों की मौत हो जाती है और अधिक अफ़सोस की बात ये है कि पृथ्वी पर तापमान वृद्धि होने के साथ-साथ, इस संख्या में बढ़ोत्तरी होने के अनुमान हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को यह चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि योरोपोय देशों में, वैश्विक औसत की तुलना में, दोगुनी तेज़ी से तापमान बढ़ रहा है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी – WHO के यूरोप में क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर रैंस क्लूग का कहना है कि पूरे यूरोप में 50 से अधिक देशों को बहुत भारी क़ीमत चुकानी पड़ रही है.
उन्होंने कहा कि यूरोप में सबसे गर्म रहे साल, वर्ष 2020 के बाद से ही दर्ज किए गए हैं और दस सबसे अधिक गर्म साल भी वर्ष 2007 के बाद से दर्ज किए गए हैं.
गर्मी से अत्यधिक मौतें
डॉक्टर क्लूग का कहना है कि योरोपीय क्षेत्र में, जलवायु सम्बन्धी कारणों से होने वाली मौतों में सबसे अधिक मौतों के लिए अत्यधिक गर्मी ज़िम्मेदार है.
अत्यधिक तापमान की मौजूदा स्थितियों की ही तरह तापमान वृद्धि, अनेक बीमारियों की गम्भीरता को बढ़ा रही है जिनमें हृदय, साँस, रक्त व धमनी रोग, मानसिक स्वास्थ्य और डायबटीज़ सम्बन्धी बीमारियाँ शामिल हैं.
उनका कहना है कि अत्यधिक गर्मी की मौजूदा स्थिति वृद्धजन के लिए बहुत ख़तरनाक है, विशेष रूप से उन बुज़ुर्गों के लिए जो अकेले रहते हैं. उनके अलावा इस तरह की गर्मी, गर्भवती महिलाओं पर बी अतिरिक्त बोझ डाल सकती है.
सुरक्षा उपायों की सख़्त ज़रूरत
विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO ने ज़ोर दिया है कि और अधिक देशों की सरकारों को, कमज़ोर स्वास्थ्य व परिस्थितियों वाले लोगों पर, गर्मी के अत्यधिक असर को कम करने के लिए, और अधिक कार्रवाई करनी होगी.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने आगाह किया है कि WHO के यूरोप क्षेत्र में 20 से अधिक देशों में, इस तरह की योजनाएँ लागू हैं, मगर वो सभी समुदाय की हिफ़ाज़त करने के लिए, पर्याप्त नहीं हैं.
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी कुछ दिन पहले, अत्यधिक गर्मी से निपटने के लिए कार्रवाई किए जाने की पुकार लगाई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पृथ्वी लगातार गर्म से गर्मतर होती जा रही है और हर जगह, हर किसी के लिए और भी अधिक ख़तरनाक बनती जा रही है.
WHO ने ध्यान दिलाया है कि दुनिया भर में कुछ स्थानों पर तो जलवायु आपदा के कारण, तापमान वृद्धि असहनीय स्तर पर पहुँच रही है.
यूएन एजेंसियों के अनुमानों के अनुसार, वर्ष 2000 से 2019 के बीच हर वर्ष, गर्मी से सम्बन्धित घटनाओं में 4 लाख 89 हज़ार से अधिक लोगों की मौतें हुईं, जिनमें से 36 प्रतिशत मौतें, योरोपीय क्षेत्र में हुईं. औसतन ये संख्या पौने दो लाख प्रतिवर्ष बैठती है.
WHO/EURO is the fastest-warming region. @hans_kluge has echoed the UN SG @antonioguterres Call to Action on extreme heat addressing:
care for the vulnerable
protecting workers
resilience of societies
limit ️ rise to 1.5°CRead here: https://t.co/ZIDD3NE5X5 pic.twitter.com/KDGtmT9Iti
— WHO/Europe (@WHO_Europe) August 1, 2024
1.75 lakh deaths from heat every year in Europe: State of the climate crisis in 2024


