ये #Bihar के #Modi हैं #GUJRAT के Modi जितने समझदार Google Adsense के विषय में जानते हैं, वैसे आप डॉन क्यों पढ़ रहे थे?
ये #Bihar के #Modi हैं #GUJRAT के Modi जितने समझदार Google Adsense के विषय में जानते हैं, वैसे आप डॉन क्यों पढ़ रहे थे?
नई दिल्ली। गुजरात के मोदी जब अपनी विद्वता प्रदर्शित करने से परहेज नहीं करते तो बिहार के मोदी भला क्यों पीछे रहें? बिहार के मोदी यानी बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपनी विद्वता का परिचय देते हुए जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने का प्रयास किया तो अपनी जग हँसाई करा बैठे।
मामला यह है कि कल सुशील मोदी ने एक चित्र साझा करते हुए ट्विटर पर टिप्पणी की – “पाकिस्तान के प्रमुख अख़बार"डॉन"के ई-अखबार में नीतीश कुमार आखिर किस मतदाता को लुभाने के लिए अपना विज्ञापन दे रहे हैं?
सुशील मोदी की ओर से जो तस्वीरें जारी की गई हैं उसमें डॉन अखबार में नीतीश की तस्वीर के साथ स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड और 4 लाख के लोन वाला विज्ञापन दिखाया गया है.
बस सुशील मोदी यहीं गच्चा खा गए और ट्विटर पर लोगों ने उन्हें घेर लिया। एक से एक गजब टिप्पणियां की गईं।
मामला यह है कि ई-पेपर किसी अख़बार का ऑनलाइन संस्करण होता है। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि आज जो अख़बार छपा है अगर उसे जस का तस ऑनलाइन मुहैया कराया जाय तब उसे ई-पेपर कहेंगे, जैसे देशबन्धु अखबार का ई पेपर http://www.deshbandhu.co.in/Epaper है। वहीं बेवसाइट पर पूरे दिन नई ख़बरें लगती रहती हैं जैसे http://www.hastakshep.com/old या http://www.deshbandhu.co.in ।
दरअसल किसी भी न्यूज़ वेबसाइट या अन्य साइट पर जो एड्स आपको दिखाई देते हैं, उनमें से ज्यादातर एड्स गूगल (Google Adsense) ही वेब साइट पर लगाता है. इसका तात्पर्य यह है कि गूगल और वेबसाइट के बीच करार हुआ रहता है जिसके बाद गूगल अपने हिसाब से वेबसाइट पर एड्स डाल सकता है. इसके लिए गूगल दो प्रकार से ऑडियंस को चुनता है। एक काँटैक्स्चुअल एड्स, जो वेब पेज के कंटेंट के कीवर्ड्स से मैच करते विज्ञापन होते हैं, लेकिन यह न्यूज़ वेबसाइट्स पर बहुत कम होते हैं। दूसरे इंट्रेस्ट बेस्ड एड्स होते हैं। यानी अगर आप अपने ब्राउज़र में कोई ऑनलाइन शॉपिंग सर्च करते हैं, और उसके बाद आप किसी दूसरी साइट पर जाते हैं तो गूगल आपको ऑनलाइन शॉपिंग के विज्ञापन दिखाने लगेगा अब आपने चाहे पाकिस्तानी साइट खोली हो या अमरीकी साइट।
इसी तरह अगर आप गैम्बलिंग सर्च करते रहे हैं या सेक्स सर्च करते रहे हैं तो आपको गैम्बलिंग और सेक्स संबंधित विज्ञापन किसी भी साइट पर दिखाई देंगे।
भला तो ये हुआ कि मोदीजी ने पाकिस्तानी अखबार डॉन की साइट के ही स्क्रीन शॉट लिए, मान लीजिए अगर वे ये आरोप लगा देते कि नीतीश पोर्न साइट्स पर वोट मांग रहे हैं, तो क्या होता....?
अब मोदी जी का पितृ संगठन पाकिस्तान को अपना भाई बताता है तो पाकिस्तान के प्रति मोदीजी का प्रेम समझा जा सकता है। वैसे मोदीजी आप डॉन क्यों पढ़ रहे थे?
बहरहाल मोदीजी महान हैं, गुजरात के मोदी तक्षशिला को बिहार में बता सकते हैं तो बिहार के मोदी ने तो सिर्फ डॉन ही पढ़ा है!!!
पाकिस्तान के प्रमुख अख़बार"डॉन"के ई-अखबार में नीतीश कुमार आखिर किस मतदाता को लुभाने के लिए अपना विज्ञापन दे रहे हैं? pic.twitter.com/z0yzmSUrbK
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 30, 2015
Dear @SushilModi, please delete this tweet. Online ads are based on your geographical location and browsing history. Nothing to do with Pak
— Namrata (@dixitnamrata) October 30, 2015
.@SushilModi Sir,main toh kehta hun aap purush hi nahi hain, mahapurush hain mahapurush !!
— Navendu (@NavenduSingh_) October 30, 2015
@sushilmodi @NitishKumar हार की बौखलाहट है साहब. लगा लीजिये एड़ी से चोटी तक का चोर . महागठबंधन को रोक नही सकते अब
— Akash Sharma (@Akashiyc) October 30, 2015
Proud of you @SushilModi. I am going to request your friend Sundar Pichai to teach you Google Ad-Sense pic.twitter.com/qfhpo3X2SV
— Rahul Raj (@bhak_sala) October 30, 2015
.@SushilModi सर आप की पार्टी तो पाकिस्तान की वेबसाइट पे चंदा मांग रही थी , अब आप ही सोचो चंदा मांगना या वोट मांगना बेहतर है
— Skull Baba (@skull_baba) October 30, 2015
@SushilModi सर जी पढलो या पढ़ालो pic.twitter.com/jCqScrtAU1
— Skull Baba (@skull_baba) October 30, 2015
@SushilModi ये लोकसभा चुनाव के समय का पाकिस्तानी अखबार का स्क्रीन शॉट है। pic.twitter.com/ch8bvxGSZ7
— Abhay Pandey (@abhaypandeycs) October 30, 2015
Dear @girirajsinghbjp please tell @SushilModi to delete this Tweet. Immediately. https://t.co/cyPuNPUkQI
— saurabh srivastava (@SKS_Mumbai) October 30, 2015


