रामसेवक यादव से बड़े समाजवादी नेता हैं अखिलेश यादव !!!
रामसेवक यादव से बड़े समाजवादी नेता हैं अखिलेश यादव !!!
मनोरंजन यादव उर्फ फ्रैंक हुजूर आजकल अपने सोशलिस्ट फैक्टर को लेकर चर्चा में हैं, क्योंकि फ्रैंक की नज़र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट लीडर हैं।
ऐसी राय रखने के लिए फ्रैंक स्वतंत्र हैं, लेकिन फिलहाल सियासी गलियारों में ये सवाल तैर रहा है कि क्या अखिलेश यादव, समाजवादी नेता रामसेवक यादव से भी बड़े समाजवादी नेता हैं ?
दरअसल 1 जुलाई को अखिलेश यादव का जन्मदिन बड़े धूम-धाम से मनाया गया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूरे सूबे और लखनऊ में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके अखिलेश यादव को बधाई दी तो अखिलेश ने भी मोदी का धन्यवाद अदा किया। दूर-दूर से युवा उन्हें बधाई देने लखनऊ आए थे। बहुतों ने फेस बुक, एसएमएस आदि के जरिए उन तक अपना शुभकामना संदेश पहुँचाया। नौजवान सपा कार्यकर्ताओं ने मिठाई बांटी, एक दूसरे का मुंह भी मीठा कराया और अस्पतालों में फल भी बांटें। समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यालय में उनके जन्म दिन पर केक काटा गया और उन्हें जन्म दिन की बधाई दी गई।
लेकिन अगले ही दिन समाजवादी नेता और डॉ. राममनोहर लोहिया के अनन्य सहयोगी स्व. रामसेवक यादव की जन्मतिथि थी। स्व. रामसेवक यादव ही वह शख्स थे, जिन्होंने मुलायम सिंह यादव की राजनैतिक क्षमता को पहचानकर सबसे पहले उन्हें राजनैतिक कार्यभार सौंपा था। लेकिन स्व. रामसेवक यादव की जन्म तिथि पर न तो समाजवादी पार्टी ने कोई श्रद्धांजलि दी, न अखिलेश यादव का कोई ट्वीट आया, न प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने ही कोई बयान जारी किया। और तो और 2 जुलाई को ही सपा दफ्तर में सपा के युवा संगठनों के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक थी, उसमें राजेंद्र चौधरी, मंत्री अरविंद सिंह गोप भी मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी रामसेवक यादव के संबंध में दो शब्द बोलना भी उचित न समझा। जबकि अरविंद सिंह गोप उससे पहले बाराबंकी में रामसेवक यादव पर आयोजित एक कार्यक्रम में शरीक होकर लौटे थे। चूंकि बाराबंकी में राजनीति करने के कारण गोप की मजबूरी थी, इसलिए वे वहां तो शामिल हुए लेकिन लखनऊ में रामसेवक यादव को श्रद्धांजलि देने का साहस नहीं जुटा सके।
लखनऊ में अंबेडकर महासभा के कार्यालय में स्व. रामसेवक यादव को याद करने के लिए एक छोटी सी सभा थी, जिसमें बमुश्किल ढाई दर्जन लोग इकट्ठा हुए, जिनमें सपाई ढूंढना पड़ता। मंच पर जो बैनर लगा था, उसमें भी अध्यक्षता, मुख्य अतिथि के रूप में उदय प्रताप सिंह, सुषमा यादव और साहित्यकार वीरेंद्र यादव शामिल थे।
पहले भी समाजवादी पार्टी पर आरोप लगते रहे हैं कि स्वयं को डॉ. लोहिया का वारिस होने का दावा करने वाली पार्टी रामसेवक यादव की अनदेखी करती रही है। 22 नवम्बर को रामसेवक जी की पुण्यतिथि होती है और उसी दिन मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन। इसलिए पुण्यतिथि पर भी सपा कुछ नहीं करती।
सवाल उठ रहे हैं कि वोट बैंक की राजनीति के लिए सपा स्व.चंद्रशेखर का जन्मदिन भव्य तरीके से मना सकती है। ब्राह्मण मतों को साधने के लिए जनेश्वर मिश्रा के नाम पर लंबा चौड़ा पार्क बना सकती है, परंतु रामसेवक यादव को याद करने से क्या इसलिए गुरेज करती है कि उसे यादव मतों को साधने के लिए उनकी आवश्यकता नहीं है। ऐसा आभास अंबेडकर महासभा में लगा बैनर भी कर रहा था।
रामसेवक जी पर कोई पार्क या योजना नहीं। सिर्फ लोहिया में स्तूप है। बेनी प्रसाद वर्मा जब संचार मंत्री थे तब उन्होंने रामसेवक यादव पर डाक टिकट जारी किया था।
तीन जुलाई को ही सपा कार्यालय में सपा के आजीवन प्रदेश अध्यक्ष रहे रामशरण दास का जन्मदिन मनाया गया, लेकिन यह पार्टी का कार्यक्रम न होकर शिवपाल सिंह यादव का कार्यक्रम माना जाता है। समाजवादी पार्टी के फेसबुक पेज पर इस कार्यक्रम की जो रपट पड़ी है, वह चुगली कर रही है कि अखिलेश यादव, स्व. रामशरण दास को भी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए दो मिनट का समय न निकाल पाए, जबकि आज अखिलेश पार्टी में स्वयं उस पद पर हैं, जिस पर रामशरणदास अपनी अंतिम सांस तक रहे। वैसे भी पुराने समाजवादियों को याद करने की जिम्मेदारी शिवपाल सिंह यादव की ही मानी जाती है।
जाहिर सी बात है, जब अखिलेश यादव रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट लीडर घोषित कर दिए जाएंगे और ऐसी उपमा सुनने पर वे शर्मिंदा होने के बजाए खुश होंगे तो आने वाले दिनों में रामसेवक यादव, किशन पटनायक या कपिलदेव सिंह यादव जैसे समाजवादियों को तो छोड़िए, डॉ. लोहिया भी विस्मृत कर दिए जाएंगे। निश्चित तौर पर ये डॉ. लोहिया की जिन्दा कौमें नहीं हैं।
अमलेन्दु उपाध्याय
Warm birthday wishes to the Chief Minister of UP Shri @yadavakhilesh. May you always remain in good health & are blessed with a long life.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 1, 2015
आदरणीय @narendramodi जी जन्म दिन की शुभकामनाओं हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 1, 2015


