अभिषेक श्रीवास्तव
यह तस्‍वीर चार दिन पहले यानी 16 जून की है। मौका महिलाओं के लिए मध्‍यप्रदेश सरकार की एक योजना "गौरवी" के उद्घाटन का है जिसे सरकार की नज़र में राष्‍ट्रद्रोही और विकास-विरोधी एनजीओ 'ऐक्‍शन एड' के साथ मिलकर चलाया जाना है (तस्‍वीर में देखें एनजीओ का लोगो)।

गुप्‍तचर ब्‍यूरो की विकास-विरोधी स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं पर रिपोर्ट 16 से पहले ही लीक हो चुकी थी और मीडिया में दस दिन से इस पर बवाल मचा हुआ है। आइबी ने अपनी रिपोर्ट में ऐक्‍शन एड का भी नाम लिया है, बल्कि मज़ेदार यह है कि अकेले ऐक्‍शन एड ही ऐसी संस्‍था है जिसे गृह मंत्रालय की विदेशी पूंजी संचालित संदिग्‍ध 15 एजेंसियों की पुरानी सूची में से निकालकर आइबी ने अपनी रिपोर्ट में जोड़ा है (देखें http://timesofindia.indiatimes.com/india/Home-ministry-has-own-list-different-from-IBs-of-donors-and-donees/articleshow/36858672.cms । ) इसका मतलब यह हुआ कि गृह मंत्रालय और आइबी, दोनों के मुताबिक समान रूप से ऐक्‍शन एड विदेशी पूंजी लेकर विकास और जीडीपी को रोकने वाली इकलौती संस्‍था है।

तब सवाल उठता है कि मध्‍यप्रदेश सरकार ऐक्‍शन एड के साथ योजना क्‍यों चला रही है? स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन उस मंच पर क्‍या कर रहे हैं जिसके पीछे ऐक्‍शन एड का लोगो लगा है? भारत सरकार के मंत्रालय की वेबसाइट पर यह तस्‍वीर क्‍यों लगी है? और शिवराज सिंह चौहान को क्‍या नहीं मालूम कि आइबी ने ऐक्‍शन एड को संदिग्‍ध बताया है? प्रधानमंत्रीजी को देशहित में जल्‍द से जल्‍द विदेशी पैसे से चलने वाले एनजीओ के साथ अपने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री और मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री के ताल्‍लुकात की जांच करवानी चाहिए।

अभिषेक श्रीवास्तव, लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।
अभिषेक श्रीवास्तव की फेसबुक वॉल से साभार