Rahul Gandhi is a charioteer, Shri Krishna was also a charioteer, this country will win

देखिए इसे अतिशयोक्ति ना मानिएगा। ये कंपैरिजन मत मानिएगा, लोग इसमें ट्रॉल करेंगे, लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अस्त्र नहीं उठाए थे, वो केवल सारथी थे और महाभारत के युद्ध में बिना छोटी सी सेना होने के बावजूद पांडव जीते थे और कौरव हारे थे। तो जरूरी नहीं है कि आप युद्ध में अस्त्र उठाएं।

मैं यह मानता हूं कि आज की तारीख में राहुल गांधी एक आईकॉन बन गए हैं। अमलेन्दु जी ने कहा कि अगर देश में प्रेम जीतेगा। देखिए इसमें अगर की गुंजाइश नहीं है। अगर यह देश जीतना है, अगर इस देश को एकजुट रहना है, अगर इस देश को आगे बढ़ाना है तो इस देश में मोहब्बत ही जीतेगी।

इस देश के बारे में जो मेरा अनुभव है, और इस देश को जितना मैंने महसूस किया है, अपनी सांसों में महसूस किया है इस देश को, तो ये देश है ही प्यार और फिर मोहब्बत का देश।

इस देश के लोकतंत्र में परमेश्वर है इस देश की जनता, इस देश का वह गरीब आदमी जिसकी आमदनी कम हुई, जिसकी नौकरियां छूटी हैं। मध्य वर्ग की, मेरे शिष्यों की नौकरियां छूटी हैं। रोज हजारों लोगों की नौकरियां छूट रही हैं और यह देश की जनता और यह देश के बच्चे और गरीब और मध्य वर्गीय वर्ग सोच रहा है कि अगर पिछले 4 साल के अंदर हमारी तनख्वाहें कम हो गई, महंगाई बढ़ गई तो एक गुजरात के रहने वाले की आमदनी इतनी ज्यादा बढ़ कैसे गई?

अगर कोई बेईमानी नहीं हुई तो ये है प्रश्न अब। सुप्रीम कोर्ट और हमें हाई कोर्ट की चिंता नहीं करनी है, हमको चिंता करनी है इस देश की जनता की और ये देश की जनता, जिसके चेहरे पे पसीना है, जिसने प्राइवेट स्कूल से अपने बच्चों को निकाल निकाल के सरकारी स्कूलों में डाला है, जिसके घर में कोरोना में एक-एक आदमी मरा है और 40 जवान के परिवार जिनके पिता या जिनके पति वहां शाहिद हुए हैं, हमको चिंता उनकी करनी है।

मैं जानता हूं ये देश सरवाइव करेगा। ये सनातन देश है। ये हमेशा सरवाइव करेगा और ये जीतेगा और यही विश्व को रास्ता दिखाएगा। लेकिन प्रेम से रास्ता दिखाएगा, ये विद्वेष वाला देश नहीं है, यह घृणा वाला देश नहीं है। राहुल गांधी एक सारथी हैं वो चाहे युद्ध खुद न लड़ें, अस्त्र उठा ना उठाएं। अतिशयोक्ति मत कहिएगा जो मैं कल्पना कर रहा हूं वो कल्पना कर रहा हूं कि ये युद्ध फिर पांडव जीतेंगे और फिर कृष्ण जिताएंगे। फिर प्यार जीतेगा और नफरत हारेगी। फिर ये द्वेष की राजनीति हारेगी।

प्रोफेसर अखिल स्वामी का पूरा विश्लेषण सुनिए इस वीडियो में