रोहित वेमुला की आत्महत्या सरकार की प्रताड़ना का सबूत- सुधाकर रेड्डी
रोहित वेमुला की आत्महत्या सरकार की प्रताड़ना का सबूत- सुधाकर रेड्डी
देश में दलित छात्रों के खिलाफ माहौल बनाकर ब्राह्मणवादी संस्कृति लादने का प्रयास किया जा रहा है
मोदी, बीजेपी और संघ के लोगों का हालत उस बैल के जैसी है जो लाल रंग को देखते ही भड़क उठता है
फासीवाद के खिलाफ लड़ाई तेज करने की जरूरत
इन्दौर। 26 दिसम्बर 2015 को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने 90 वर्ष पूरे किए और पार्टी ने अपने इन 90 वर्षों को पूरे देश में उत्साह, नई उर्जा एवं क्रांतिकारी प्रतिबद्धता के साथ मनाने का निर्णय लिया।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंदौर ने 26 मार्च को इसी कड़ी में दूसरा बड़ा कार्यक्रम किया।
इंदौर प्रेस क्लब के ‘‘राजेन्द्र माथुर सभागृह’’ में 26 मार्च 2016 को होने वाले इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड एस. सुधाकर रेड्डी, मुख्य अतिथि पार्टी के राज्य सचिव डा. अरविन्द श्रीवास्तव तथा अनूपपुर से आए कॅामरेड हरिद्वार सिंह और अध्यक्षता की कॅामरेड वसंत ष्ंिात्रेजी ने। याद रहे कि इसी कड़ी का पहला कार्यक्रम 20 दिसम्बर 2015 को इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित किया था जिसमें मुख्य वक्ता थे मुम्बई से आए कॉमरेड सुकुमार दामले।
कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय जन नाट्य संघ, इंदौर के साथियों ‘‘लाल है परचम, नीचे हंसिया ऊपर सदा हथौड़ा है’’ के साथ हुई।
इंदौर पार्टी के जिला सचिव कॉमरेड रुद्रपाल यादव के स्वागत भाषण के बाद पार्टी के लिए विशेष योगदान व समर्पण करने वाले वरिष्ठ कामरेड्स का सम्मान किया गया। स्वागत की औपचारिकता के बाद कॅामरेड अरविंद श्रीवास्तव ने देश के वर्तमान हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी और कॉमरेड्स को अपने कामों में तेजी लाने के साथ-साथ जमीनी काम करने की भी बहुत जरूरत है।
प्रगतिशील लेखक संघ के राज्य महासचिव कॅामरेड विनीत तिवारी द्वारा भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव और इस सभा के मुख्य वक्ता कॉमरेड एस. सुधाकर रेड्डी जी का परिचय दिए जाने के बाद ‘‘देश की वर्तमान परिस्थितियों में वामपंथ की भूमिका’’ विषय पर कॅामरेड सुधाकर रेड्डी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि केन्द्र सरकार आर.एस.एस. के इशारे पर काम कर रही है, प्रधानमंत्री राजधर्म का पालन नहीं कर रहे हैं, वे संघ के निर्देश पर सरकार चला रहे हैं। पिछले एक साल में मेन्यूफेक्चरिंग एक्सपोर्ट माईनिंग के क्षेत्र में देश में गिरावट आई है। निर्यात कम होने से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। सरकार विशुद्ध रूप से कार्पोरेट के इशारे पर काम कर रही है।
सुधाकर रेड्डी ने कहा कि लम्बे समय से जारी आर्थिक नीतियां जो जनता के हितों की रक्षा नहीं बल्कि विदेषी कंपनी और औद्योगिक घरानों का पोषण करती हैं इन मौजूदा आर्थिक नीतियों के रहते इस सरकार से शोषित तबके की बेहतरी की आषा नहीं की जा सकती है। हमें वैकल्पिक आर्थिक नीतियां जनता के समक्ष रखना होंगी।
सरकार मजदूर वर्ग से उनके वर्षों के संघर्षों से हासिल कानूनों में बदलाव करना चाहती है। हमारे प्रधानमंत्री विदेषों में घूम-घूम कर वहां के औद्योगिक घरानों से कह रहे हैं कि हमारे यहाँ आओ, जमीन लो, मजदूर आंदोलन नहीं होंगे। लेकिन आंदोलन हो रहे हैं, लगातार हो रहे हैं और मजदूर अपने हक और अधिकारों के लिए जगह-जगह पर लड़ाइयां लड़ रहे हैं।
भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव सुधाकर रेड्डी ने इंदौर में पार्टी के 90 वें स्थापना दिवस की कड़ी में रखे इस कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज देश में हजारों-हजार किसान आत्म हत्या कर रहे हैं इसका कारण यह नहीं कि वे जीना नहीं चाहते, इसका मूल कारण उन्हें उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिलना है जिससे खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है, किसान कर्ज तले दबा जा रहा है। साहूकार और बीमा कम्पनियां उनके साथ छल-कपट करती हैं। खेत मजदूरों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। करीब 40 फीसदी ग्रामीणों के पास खेती की जमीन ही नहीं है और उस पर पर्यावरण प्रदूषण का असर मौसम पर पड़ने से मौसम की मार भी इन किसानों पर बिजली की तरह गिर रही है और इधर सरकार ढोल पीट रही है कि नया बजट किसान हितैषी है, जबकि किसानों को दी जाने वाली राशि से कहीं बहुत अधिक राशि का आवंटन औद्योगिक घरानों के लिए किया गया है।
सरकार अपने ही देश के छात्रों के खिलाफ साजिश कर रही है। वह यहाँ की शिक्षण संस्थाओं और उनकी स्वायत्ता पर हमले कर रही है। वह अपनी विचारधारा को छात्रों पर जबरन थोपना चाहती है और जब छात्र इसका विरोध कर रहे हैं तो उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। रोहित वेमुला और कन्हैया जैसे छात्र इसका उदाहरण हैं। आज पूरे देश में दलित छात्रों के खिलाफ माहौल बनाकर ब्राह्मणवादी संस्कृति लादने का प्रयास किया जा रहा है। रोहित वेमुला की आत्महत्या वास्तव में सरकार की प्रताड़ना का सबूत है। आदिवासी क्षेत्रों की स्कॉलर शिप रोककर केन्द्र सरकार गलत कर रही है।
कॉमरेड रेड्डी ने कहा कि आज देश की जनता जिन बौद्धिक सवालों को लेकर जद्दोजहद कर रही है उनमें आते हैं रोटी, कपड़ा, मकान, नौकरी, स्वास्थ्य और शिक्षा, लेकिन सरकार में बैठे लोग और पार्टियां जनता को भटकाने के लिए गैर जरूरी मुद्दे एवं भावनात्मक मुद्दे उछाल रहे हैं ताकि समाज में टकराव और तनाव पैदा हो और लोगों का ध्यान मुख्य समस्याओं से हट जाए। जिन लोगों का देश के आजादी आंदोलन से कोई सरोकार ही नहीं रहा वे लोग आज देशभक्ति और राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाना चाहते हैं लेकिन हमें उनके प्रमाणपत्र की कोई आवश्यकता नहीं है। मोदी सरकार की दादागिरी है, कि जनता के खाने, पहनने और बोलने पर भी अपनी मर्जी थोपना चाहती है। किसके किचन में क्या पकेगा, हिन्दूवादी नारे नहीं लगाने पर पाकिस्तान जाने की बात कहना, यह मोदी सरकार के मंत्री कह रहे हैं।
कॉमरेड ने कहा कि मोदी, बीजेपी और संघ के लोगों का हालत उस बैल के जैसी है जो लाल रंग को देखते ही भड़क उठता है। आजादी की लड़ाई में देश के नौजवान, मजदूर, किसान, आदिवासी, दलित सभी ने अग्रिम पंक्ति में रहकर अपना सहयोग दिया हमें गर्व है कि कम्युनिस्ट इसमें हमेशा अगली कतारों में ही रहे हैं।
कॉ. सुधाकर रेड्डी ने आगे कहा कि जे.एन.यू. छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के बारे में गलत बातें प्रचारित कर उसे बदनाम किया जा रहा है। कन्हैया ने अपने भाषण में सेना को सेल्यूट दिया, लेकिन अधूरी बातें सार्वजनिक कर उसे बदनाम किया गया एवं देशद्रोह का झूठा मुकदमा दायर किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘‘भारत माता की जय’’ का नारा लगाना हर भारतीय के लिए जरूरी नहीं है यह नारा संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा थोपा गया है। भारत के संविधान में यह कहीं नहीं लिखा है कि भारत माता कि जय बोलना हमारा कर्तव्य है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव कॉ. सुधाकर रेड्डी को एक लाख रूपया भेंट किया गया जो कि इंदौर पार्टी के संगठन फण्ड द्वारा एकत्रित किया गया था। इस अवसर पर रूपांकन द्वारा पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई जिसे सभी ने बहुत सराहा।
इस सभा में कॉ. पेरिन होमीदाजी, कॉ. सोहनलाल शिन्दे, कॉ. बसंत शिन्दे, कॉ. पी.सी. जैन, कॉ. दशरथ पंवार, कॉ. अनन्त श्रोत्रिय, कॉ. जुम्मा भाई, कॉ हरिनारायण टेलर, कॉ. बसंतीबाई जैसवाल, कॉ. गौरीशंकर शर्मा, कॉ. घनश्याम साहू, कॉ. अम्बाराम बैरागी के साथ-साथ भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) को प्रमुख रूप से सम्मानित कर प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए।
इस कार्यक्रम में इंदौर से कॅामरेड आलोक खरे, एम. के. शुक्ला, कॅामरेड एस. के. दुबे, भारत सिंह, सत्यनारायण, कैलाष गोठानिया, विजय दलाल, कल्पना मेहता, अरविंद पोरवाल, अशोक दुबे, सारिका श्रीवास्तव, महिमा, पूजा, गीतेश, सीपीएम से कॉमरेड कैलाश लिम्बोदिया, अरुण चौहान के साथ-साथ और भी साथी शरीक हुए बल्कि इंदौर ही नहीं बल्कि भोपाल से कॉमरेड शैलेन्द्र शैली, सीहोर से कॉमरेड प्रहलाद बैरागी एवं कॅामरेड माखनलाल, बड़वानी से कॉमरेड ज्योति एवं साथी तथा सिमरोल से कॉ. हरिनारायण ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की।
इस कार्यक्रम का संचालन किया कॉ. मनोहर लिम्बोदिया ने और आभार व्यक्त किया कॅामरेड ओम खटके ने। कार्यक्रम का समापन भारतीय जन नाट्य मंच, इंदौर के साथियों द्वारा गाए जनगीत ‘‘गर हो सके तो फिर कोई शम्मा जलाइये’’ के साथ हुआ।
इंदौर से रूद्रप्रपाल यादव की रिपोर्ट 💡


