लेबनान को दूसरा गाजा बनने देने का जोखिम बर्दाश्त नहीं किया जा सकता : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसराइल और हिज़बुल्लाह चरमपंथियों के बीच लेबनान के साथ लगी सीमा पर हिंसक घटनाओं और भड़काऊ बयानबाज़ी में आई तेज़ी पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है

लेबनान को एक और ग़ाज़ा बनने देने का जोखिम मोल नहीं लिया जा सकता: यूएन प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इसराइल और हिज़बुल्लाह चरमपंथियों के बीच लेबनान के साथ लगी सीमा पर हिंसक घटनाओं और भड़काऊ बयानबाज़ी में आई तेज़ी पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है. उन्होंने चेतावनी जारी की है कि एक ग़लत क़दम, पूरे क्षेत्र और उससे इतर भी एक बड़ी तबाही की वजह बन सकता है.
इसराइल और लेबनान के सशस्त्र बलों की तैनाती के बीच स्थित ‘ब्लू लाइन’ पर हालात पिछले कुछ महीनों से निरन्तर बिगड़ रहे हैं. 7 अक्टूबर को दक्षिणी इसराइल पर हमास व अन्य हथियारबन्द गुटों के बर्बर हमलों के बाद इसराइली सैन्य बलों ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है.
इससे पहले, दक्षिणी लेबनान पर इसराइली सैन्य कार्रवाई की योजना को स्वीकृति मिलने की ख़बरों के बीच, हिज़बुल्ला नेता हसन नस्रअल्लाह ने गुरूवार को, कथित रूप से इसराइल के लिए सख़्त चेतावनी जारी की थी.
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मध्य पूर्व में हिंसक टकराव के दायरे को बढ़ने से हर हाल में रोका जाना चाहिए.
“एक बात स्पष्टता से समझनी होगी: क्षेत्र के लोग और दुनिया भर में लोग, लेबनान को एक और ग़ाज़ा बनने देने का जोखिम मोल नहीं ले सकते हैं.”
“आवेश में उठाए गए एक क़दम, एक ग़लत निर्णय, से विनाश को हवा मिल सकती है, जिसके प्रभाव सीमा से परे तक जाएंगे, और असल में कल्पना से परे हैं.”
यूएन प्रमुख ने बताया कि ब्लू लाइन के इर्दगिर्द, अनेक लोग अपनी जान गँवा चुके हैं और उन्हें उनके घरों व आजीविकाओं से बेदख़ल कर दिया गया है.
तनाव में कमी लानी होगी
महासचिव गुटेरेस ने दोनों पक्षों से आग्रह किया है कि सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 को पूर्ण रूप से लागू किए जाने के लिए प्रतिबद्धता जतानी होगी और टकराव पर विराम लगाना होगा.
वर्ष 2006 में पारित हुआ यह प्रस्ताव, इसराइल व हिज़बुल्लाह के बीच युद्धविराम, दक्षिणी लेबनान से इसराइली सैन्य बलों की वापसी और विसैन्यीकृत क्षेत्र की स्थापना पर लक्षित है.
यूएन प्रमुख ने कहा कि दुनिया को यह ज़ोरशोर और स्पष्टता से कहना होगा कि तनाव में तुरन्त कमी लाना ना केवल सम्भव है बल्कि यह ज़रूरी भी है. “कोई भी सैन्य समाधान यहाँ मौजूद नहीं है.”
उन्होंने आम नागरिकों की रक्षा सुनिश्चित किए जाने, बच्चों, पत्रकारों व चिकित्साकर्मियों को निशाना ना बनाए जाने और विस्थापितों को घर वापिस लौटने में मदद करने का आग्रह किया है.
ज़मीन पर मौजूद यूएन शान्तिरक्षक
एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के अनुरूप, शान्ति, सुरक्षा व स्थिरता को बढ़ाने के लिए निरन्तर, सक्रिय ढंग से प्रयासरत है.
लेबनान में यूएन मिशन (UNIFIL) में तैनात शान्तिरक्षक, एक बेहद चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच तनाव में कमी लाने के लिए और किसी भी ग़लत क़दम की रोकथाम करने के लिए कोशिशों में जुटे हैं.
उन्होंने कहा कि हिंसा पर विराम लगाने, स्थिरता बहाल करने और क्षेत्र में मानवीय पीड़ा टालने के लिए, यूएन द्वारा कूटनैतिक प्रयासों को समर्थन दिया जा रहा है,
इसके समानान्तर, ग़ाज़ा में मानवीय आधार पर तुरन्त युद्धविराम लागू करने की भी कोशिशें जारी हैं. साथ ही बन्धकों को जल्द से जल्द बिना शर्त रिहा किया जाना होगा, और दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में आगे बढ़ना होगा.
(स्रोत- संयुक्त राष्ट्र समाचार)
One rash move – one miscalculation — could trigger a catastrophe that goes far beyond the border, and frankly, beyond imagination.
Let’s be clear: The people of the region and the people of the world cannot afford Lebanon to become another Gaza - @antonioguterres pic.twitter.com/FLT2kpalFT
— UN Spokesperson (@UN_Spokesperson) June 21, 2024


