लोकतंत्र है कोई राजतंत्र या तानाशाही व्यवस्था नहीं, मैं जेल जाने को तैयार हूँ - प्रियंका गाँधी
लोकतंत्र है कोई राजतंत्र या तानाशाही व्यवस्था नहीं, मैं जेल जाने को तैयार हूँ - प्रियंका गाँधी
लखनऊ, 20 जुलाई (अरविन्द विद्रोही )। वर्तमान घटनाक्रम पर सबकी दृष्टि है मेरी भी। उप्र में जनहित की बात (public interest) करके जनसंघर्ष (Mass struggle) खड़ा करने के लिए जिस तेवर, समर्पण, हौसले और इच्छा शक्ति से युक्त नेता की जरूरत थी उस जरूरत को पूरा करने का कार्य प्रियंका गाँधी (Priyanka Gandhi) बखूबी कर सकती हैं यह बात मैं हमेशा कहता रहा हूँ।
अभी लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019,) में जब प्रियंका गाँधी को सांगठनिक दायित्व सौंपा गया तब से अब तक हुई तमाम डिबेट्स में मैंने पुरजोर तरीके से यह बार-बार कहा कि प्रिंयका गांधी को अवसर मिलेगा तो वो सड़क की राजनीति करके सशक्त विपक्ष (Strong opposition) का रिक्त स्थान भर लेंगी और आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) में चुनावी रणभूमि में #भाजपा से मुकाबिल सिर्फ कांग्रेस होगी। आज घोरावल नरसंहार (Ghorawal massacre) के शिकार दुखी पीड़ित परिवारों के साथ दृढ़ता से डटी प्रियंका गाँधी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति (Politics of Uttar Pradesh) के बदलाव की शुरुआत कर दी ...
सोनभद्र - उप्र की लोमहर्षक दर्दनाक घटना शासन-प्रशासन की विफलता है। इस दर्दनाक घटना पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका_गाँधी ( प्रभारी उप्र ) ने सोशल मीडिया पर अपने भावों को किस तरह शब्दों में व्यक्त किया है ..
प्रियंका गाँधी के शब्दों में :- उत्तर प्रदेश सरकार की ड्यूटी है अपराधियों को पकड़ना। मेरा कर्तव्य है अपराध से पीड़ित लोगों के पक्ष में खड़े होना। भाजपा अपराध रोकने में तो नाकामयाब है मगर मुझे मेरा कर्तव्य करने से रोक रही है। मुझे पीड़ितों के समर्थन में खड़े होने से कोई रोक नहीं सकता। कृपया अपराध रोकिए ।
फिर प्रियंका गाँधी लिखती हैं कि
मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूँ। जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी। उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है। उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ़्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है। प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ‘ऊपर से ऑर्डर है’। मैंने न कोई क़ानून तोड़ा है न कोई अपराध किया है। बल्कि सुबह से मैंने स्पष्ट किया था कि प्रशासन चाहे तो मैं अकेली उनके साथ पीड़ित परिवारों से मिलने आदिवासियों के गाँव जाने को तैयार हूँ या प्रशासन जिस तरीके से भी मुझे उनसे मिलाना चाहता है, मैं तैयार हूँ।
मगर इसके बावजूद उप्र सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है। जनता सब देख रही है। मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूँ और इसे देने को तैयार नहीं हूँ। मेरी साफ माँग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाय। सरकार को जो उचित लगे वह करे।
और अंत मे एक दृढ़ निश्चयी सत्याग्रही के अंदाज में अपने भावों को अभिव्यक्त करते हुए प्रियंका गाँधी लिखती हैं कि :-
अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूँ।
उत्तर प्रदेश सरकार की ड्यूटी है अपराधियों को पकड़ना।
मेरा कर्तव्य है अपराध से पीड़ित लोगों के पक्ष में खड़े होना।
भाजपा अपराध रोकने में तो नाकामयाब है मगर मुझे मेरा कर्तव्य करने से रोक रही है।
मुझे पीड़ितों के समर्थन में खड़े होने से कोई रोक नहीं सकता।
कृपया अपराध रोकिए!
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूँ। जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी। उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ़्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है। प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ‘ऊपर से ऑर्डर है’।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
मैंने न कोई क़ानून तोड़ा है न कोई अपराध किया है।बल्कि सुबह से मैंने स्पष्ट किया था कि प्रशासन चाहे तो मैं अकेली उनके साथ पीड़ित परिवारों से मिलने आदिवासियों के गाँव जाने को तैयार हूँ या प्रशासन जिस तरीके से भी मुझे उनसे मिलाना चाहता है मैं तैयार हूँ
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
मगर इसके बावजूद उप्र सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है।
जनता सब देख रही है।
मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूँ और इसे देने को तैयार नहीं हूँ। मेरी साफ माँग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाय। सरकार को जो उचित लगे वह करे।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूँ।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
उप्र सरकार ने ADG वाराणसी श्री बृज भूषण, वाराणसी कमिश्नर श्री दीपक अग्रवाल, कमिश्नर मीरजापुर, DIG मीरजापुर को मुझे ये कहने के लिए भेजा कि मैं यहाँ से पीड़ित परिवारों से मिले बग़ैर चली जाऊँ। सब एक घंटे से मेरे साथ बैठे हैं। न मुझे हिरासत में रखने का कोई आधार दिया है न कागज़ात दिए
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
मैंने इनसे मेरे वकीलों के मुताबिक मेरी गिरफ़्तारी हर तरह से गैर-क़ानूनी है। मुझे इन्होंने सरकार का संदेश दिया है कि मैं पीड़ित परिजनों से नहीं मिल सकती।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
मैंने यह स्पष्ट करते हुए कि मैं किसी धारा का उल्लंघन करने नहीं बल्कि पीड़ितों से मिलने आयी थी सरकार के दूतों से कहा है कि बग़ैर मिले मैं यहाँ से वापस नहीं जाऊँगी।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
ADG Varanasi, Commissnor Varanasi division and other senior Police & Govt officials leaving Chunar Qila at 1.15 am pic.twitter.com/ceyk4Rg2k0
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019


