नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने फरीदबाद में एक दलित परिवार को जलाये जाने की घटना पर केंद्रीय मंत्री वी के सिंह के आपत्तिजनक बयान को गंभीरता से लेते हुए गाजियाबाद पुलिस और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजकर पूछा है कि उन्होंने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज क्यों नहीं किया।
प्रतिष्ठित समाचारपत्र देशबन्धु में प्रकाशित खबर के मुताबिक आयोग के अध्यक्ष पी एल पूनिया ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस प्रशासन को दो नवंबर तक अपना जवाब देने को कहा गया है।
इस घटना को बेहद शर्मनाक बताते हुए पूनिया ने कहा कि उन्होंने इस घटना की जानकारी प्राप्त करने और अब तक हुई कार्रवाई के बारे में जानने के लिए फरीदाबाद के जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को 26 नवंबर को बुलाया है। उन्होंने कहा कि यह कोई मामूली घटना नहीं बल्कि साजिश है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जनरल वीके सिंह ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस घटना के लिए हरियाणा सरकार जिम्मेदार नहीं है और अगर कोई कुत्ते को पत्थर मारे तो इसके लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
पूनिया ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के बयान न केवल दलितों का अपमान हुआ है, बल्कि पूरे समुदाय का अपमान हुआ है। हालांकि जनरल सिंह ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया।