वेब मीडिया ने मेनस्ट्रीम मीडिया को आईना दिखाया
वेब मीडिया ने मेनस्ट्रीम मीडिया को आईना दिखाया
समकालीन तीसरी दुनिया ने मोदी की रैली का पर्दाफाश करने पर हस्तक्षेप समेत वेब मीडिया को दी बधाई
नई दिल्ली। समकालीन तीसरी दुनिया ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की 29 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित रैली पाँच लाख लोगों के भाग लेने के पर्जी प्रचार की पोल खोलने के लिए वेब मीडिया के पत्रकारों को बधाई देते हुए लिखा है किब्लॉग्स, वेबसाइट्स तथा सोशल मीडिया के अन्य रूपों को जो लोग गैरजिम्मेदार कहकर कोसते रहे हैं उसने तथाकथित मेनस्ट्रीम मीडिया को आईना दिखाया। पूरी खबर इस प्रकार है-
29 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित नरेंद्र मोदी की बहुप्रचारित रैली को देखकर लौटने के बाद युवा पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने एक रिपोर्ट लिखी जिसमें उन्होंने बताया कि रैली में पांच लाख लोगों के होने का दावा करने वाले लगातार गलत जानकारी दे रहे हैं। अभिषेक के अनुसार इस रैली में 50 हजार से लेकर एक लाख तक लोग थे। उनकी यह रिपोर्ट जैसे ही उनके ब्लॉग ‘जनपथ डॉट कॉम’ तथा अन्य ब्लॉगों और वेबसाइट्स के जरिए सामने आयी, मोदी समर्थकों ने अनेक अपशब्दों से उन्हें विभूषित किया और उन्हें कांग्रेस का दलाल कहा। एक दूसरी वेबसाइट ‘ विस्फोट डॉट कॉम ’ पर कुछ उत्साही मोदी समर्थकों ने इंडिया टुडे की साइट में प्रकाशित उपरोक्त तस्वीर का हवाला देते हुए बताया कि कितनी जबर्दस्त भीड़ थी। इंडिया टुडे ने इस चित्र के नीचे कैप्शन लगाया था ‘जापानी पार्क, रोहिणी का विहंगम दृश्य जो नरेंद्र मोदी की विकास रैली का स्थल था।’ तथाकथित मेनस्ट्रीम टीवी चैनलों ने भी यही आभास दिया जिससे लगे कि यह रैली पांच लाख लोगों की थी।
उपरोक्त फोटोग्राफ के प्रसारित होते ही अभिषेक इसकी सत्यता तलाशने में लग गये और फिर पता चला कि इंडिया टुडे ने जिस तस्वीर को मोदी की रोहिणी रैली बताकर प्रसारित किया है वह तो 4 नवंबर 2012 को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के समर्थन में कांग्रेस द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित रैली की तस्वीर है जिसे समाचार एजेंसी पीटीआई ने जारी किया था और जो ‘दि हिंदू’ में प्रकाशित हुई थी। इस रहस्योद्घाटन को आम लोगों तक पहुंचाने में अनेक पत्रकारों ने मसलन संजय तिवारी (विस्फोट), अविनाश (मोहल्ला लाइव), यशवंत (भड़ास4मीडिया), विनीत कुमार (दीवान मेलिंग), अमलेंदु उपाध्याय ( हस्तक्षेप ), पुष्कर पुष्प (मीडिया खबर) आदि ने अपनी भूमिका निभायी। इंडिया टुडे का झूठ इस तरह प्रचारित हुआ कि उसने अगले ही दिन अपनी वेबसाइट पर क्षमा मांगते हुए अपनी भूल को स्वीकार किया और कहा कि उपरोक्त तस्वीर कांग्रेस की रैली की ही है।
ब्लॉग्स, वेबसाइट्स तथा सोशल मीडिया के अन्य रूपों को जो लोग गैरजिम्मेदार कहकर कोसते रहे हैं उसने तथाकथित मेनस्ट्रीम मीडिया को आईना दिखाया। इससे जुड़े पत्रकारों को ‘समकालीन तीसरी दुनिया’ की बधाई।


