माकपा ने की आंदोलन की घोषणा
भोपाल। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)-माकपा की राज्य समिति ने "व्यापम" को "व्यापकतम घोटाला" बताते हुये कल मुख्यमंत्री द्वारा 'मैं ईमानदार था, हूँ, और रहूँगा" की सफाई को अपराधी भावना की ही अभिव्यक्ति बताया।
माकपा के मत में अगर मुख्यमंत्री स्वयं को ईमानदार और निर्दोष मानते हैं तो सीबीआई की जांच से डरते क्यों है ? अब तो दिल्ली में भी भाजपा की ही सरकार है। इसलिए उसके राजनीतिक दुरुपयोग की आशंका भी नहीं है। माकपा जानना चाहती है कि क्या वे इतने सारे दस्तावेजों के सामने आने के बाद भी इसी अंदाज में यह कहेंगे कि "मेरे परिवार में- मेरे भाई,साले और पत्नी इत्यादि सभी ईमानदार हैं।"
माकपा की राय में इस तरह की लफ्फाजी से वे प्रदेश के हजारों बच्चों के भविष्य को चौपट करने वाले देश के व्यापकतम घोटाले की जिम्मदारी से बच नहीं सकते।
माकपा राज्य समिति ने 30 जून तथा 1 जुलाई को इस व्यापकतम घोटाले के विरुद्द पूरे प्रदेश भर में आंदोलन करने का निर्णय लिया है। धरने, प्रदर्शन,जलूस. सभाओं के जरिये सीबीआई जांच, बिना दबाब में आये मुख्यमंत्री, उनके परिवार और निवास को भी जांच के दायरे में लाने, निष्पक्ष जांच के लिए सारे राजनेताओं-अधिकारियों को उनके पद से तुरंत हटाने की मांगें की जाएंगी।
पार्टी सचिव बादल सरोज ने कहा कि पार्टी अन्य समान विचार की पार्टियों के साथ परामर्श में है और राजधानी में एक साझी कार्यवाही की तैयारी कर रही है।