शिक्षाकर्मी आंदोलन : दमन की निंदा की माकपा ने
शिक्षाकर्मी आंदोलन : दमन की निंदा की माकपा ने
रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने संविलियन तथा समान काम, समान वेतन आदि मांगों पर शिक्षाकर्मियों द्वारा किये जा रहे प्रदेशव्यापी आंदोलन पर भाजपा राज्य सरकार द्वारा दमन, हजारों शिक्षाकर्मियों की गिरफ़्तारी व बर्खास्तगी की कड़ी निंदा की है।
आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिवमंडल ने कहा है कि लोकतांत्रिक आंदोलनों पर गैर-लोकतांत्रिक ढंग से पाशविक दमन की संविधान इजाज़त नहीं देता और जो सरकार अपने वादों को पूरा न कर सके, उसे सरकार में बने रहने का भी कोई हक नहीं है. शिक्षाकर्मियों, रसोईयों और सफाईकर्मियों सहित आम जनता के विभिन्न तबकों के आंदोलनों का दमन इस संघी सरकार के 'चाल, चरित्र, चेहरा' को स्पष्ट करता है।
माकपा ने आरोप लगाया है कि इस सरकार के तानाशाहीपूर्ण रूख के चलते पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और लाखों छात्र पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं, लेकिन सरकार को इसकी चिंता ही नहीं है।
पार्टी ने कहा है कि सम्मानजनक जिंदगी पाने की इस लड़ाई में माकपा पूरी तरह से इस आंदोलन के साथ है। माकपा ने गिरफ्तार कर्मियों को रिहा करने तथा संविलियन की मांग को पूरा करने की मांग की है, अन्यथा उसे अपने तानाशाहीपूर्ण रवैये की भारी कीमत चुकानी होगी।
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