संघ गिरोह की सरकार बनने से साम्प्रदायिक अपराधियों के हौसले बुलंद- रिहाई मंच
संघ गिरोह की सरकार बनने से साम्प्रदायिक अपराधियों के हौसले बुलंद- रिहाई मंच
रोजेदार मुस्लिम कर्मचारी के मुंह में जबरन रोटी ठूंसने वाले शिवसेना सांसदों की संसद सदस्यता निरस्त हो- रिहाई मंच
सामाजिक राजनीतिक संगठनों ने की बैठक
लखनऊ, 23 जुलाई 2014। रिहाई मंच ने महाराष्ट्र सदन में आईआरसीटीसी के मुस्लिम कर्मचारी और रोजेदार अरशद को शिव सेना के सांसदों द्वारा जबरन मुंह में चपाती ठूंसने के प्रकरण की निंदा करते हुए लखनऊ स्थित कार्यालय पर विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के नेताओं के साथ बैठक की।
एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि बैठक में नेताओं ने कहा कि दिल्ली में स्थित महाराष्ट्र सदन में हुई घटना देश के लिए शर्मनाक और निंदनीय है। यह घटना इसलिए और भी निंदनीय हो जाती है क्योंकि घटना में शामिल लोग आम आदमी नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि हैं। महाराष्ट्रियन भोजन न मिलने के सवाल पर उन्हें अपना विरोध दर्ज कराने के लिए बहुत सारे फोरम उपलब्ध हैं। सदन में भोजन की व्यवस्था करने वालों से उन्हें पहले ही बता देना चाहिए था कि उन्हें केवल मराठी भोजन चाहिए तथा वह मराठी भोजन के अतिरिक्त अन्य भोजन का उपभोग नहीं करेंगे। यदि इन जन प्रतिनिधियों ने भोजन व्यवस्था देखने वालों से पहले ही अपनी पसन्द बता दिया होता तो ऐसी अप्रत्याशित घटना न घटी होती। भोजन की व्यवस्था देखने वाले केवल अपने उच्च अधिकारियों की आज्ञा का पालन करते हैं। इन परिस्थितियों में महाराष्ट्र से संबन्धित राज्य सभा के सदस्य संजय राउत, अमरावती लोकसभा क्षेत्र से आनंद राव अडसुल, थाने से राजन विचारे, मुंबई दक्षिण से अरविंद सावंत, नासिक से हेमंत गोडसे रामटेक से कृपाल तुमाने, उस्मानाबाद से रवीन्द्र गायकवाड़, रत्नागिरि सिदु दुर्ग से विनायक राउत, सिरुर से शिवाजी आड़ल राव पाटिल, मुंबई दक्षिण मध्य से राहुल सिवाले और कल्याण श्रीकान्त शिंदे द्वारा महाराष्ट्र सदन में रेजीडेन्ट मैनेजर आईआरसीटीसी अरशद के साथ किया गया व्यवहार सभ्य समाज के लिए गाली है। जिसने यह सिद्ध कर दिया है कि इन शिव सैनिकों ने देश को केवल भाषा तथा प्रांत के नाम पर ही नहीं बल्कि खान-पान के नाम पर भी बांटने का प्रयास किया। उनके इस कृत्य से अरशद को जो तकलीफ पहुंची है वह केवल उसकी तकलीफ नहीं बल्कि पूरे भारतीय समाज की तकलीफ है, जिसने राष्ट्रीय एकता को चुनौती दी है। इन समस्त संसद सदस्यों द्वारा किया गया यह कृत्य एक आपराधिक कृत्य है तथा अरशद द्वारा की गई शिकायत पर उन सबके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करके उनके विरुद्ध कार्यवाही किया जाना विधिक बाध्यता है। सांसदों द्वारा किए गए इस कृत्य के लिए केवल उनके विरुद्ध पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्यवाही कम होगी आवश्यक है कि संविधान विरोधी इस कृत्य के लिए उनकी संसद की सदस्यता भी समाप्त की जाए।
बैठक में वकताओं ने कहा कि अब तक शिवसेना के गुंडे और दंगाई सिर्फ सड़क पर देश विरोधी अपराध करते थे लेकिन संघ गिरोह की पूर्ण बहुमत से सरकार बन जाने के बाद इन अपराधियों के हौसले इस कदर बढ़ गए हैं कि वे अब व्यवस्था के उच्च स्तरों पर भी सरेआम गुंडागर्दी करने लगे हैं। वक्ताओं ने कहा कि इस पूरे मसले पर विपक्ष को शिवसेना के सांसदों की संसद सदस्यता समाप्त करने की मांग करनी चाहिए।
बैठक में रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब, इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी मोहम्मद फहीम सिद्दकी, नागरिक परिषद के नेता रामकृष्ण, गुफरान सिद्दीकी, हरे राम मिश्र, अंकित चैधरी, शाहनवाज आलम और राजीव यादव आदि शामिल रहे।


